गन्ने की मिठास

चेतावनी ...........दोस्तो ये कहानी समाज के नियमो के खिलाफ है क्योंकि हमारा समाज मा बेटे और भाई बहन और बाप बेटी के रिश्ते को सबसे पवित्र रिश्ता मानता है अतः जिन भाइयो को इन रिश्तो की कहानियाँ पढ़ने से अरुचि होती हो वह ये कहानी ना पढ़े क्योंकि ये कहानी एक पारवारिक सेक्स की कहानी है 


raj sharma stories

गन्ने की मिठास--1

Author-RKS
रामू अपनी मस्ती मे चला जा रहा था तभी अपने खेत की खटिया पर बैठे हुए हरिया काका ने उसे आवाज़ दी

हरिया- अरे रामू बेटवा कहा चले जा रहे हो, आजकल तो तुमने मेरे पास आना ही बंद कर दिया,

रामू- अरे काका, ठहरो अभी आ रहा हू,

दोपहर के 2 बज रहे थे रामू अपने गन्नो के खेतो की ओर चला जा रहा था लेकिन उसके खेत से थोड़ी पहले ही हरिया काका का खेत आ जाता था जहाँ हरिया काका ने बहुत सारी हरी सब्जिया लगा रखी थी और दिन रात वह उन सब्जियो की रखवाली के लिए वही पड़ा रहता था, हरिया काका के खेत से थोड़ा आगे ही रामू का गन्नो का खेत था वही रामू ने अपने सोने के लिए एक झोपड़ी बना रखी थी उसी झोपड़ी के भीतर उसने बोरिंग करवा रखी थी,

हरिया उस गाँव का सबसे चुड़क्कड़ आदमी था और ना जाने कितनी औरतो को चोद चुका था आज वह 45 साल का था लेकिन आज भी उसका लंड चोदने के लिए खड़ा ही रहता था, लेकिन हरिया की एक बात यह भी थी कि वह गाँव मे किसी से ज़्यादा बातचीत नही करता था पर ना जाने क्यो हरिया को रामू से कुछ ज़्यादा ही लगाव था, रामू एक 24 साल का हॅटा कॅटा जवान लड़का था और उसकी जिंदगी अपने खेतो से लेकर अपने घर तक ही रहती थी,

इसका कारण यह था कि रामू के बाप को मरे 8 साल हो चुके थे और रामू के घर मे उसकी मा सुधिया और उसकी दो बहने रमिया और निर्मला थी, रमिया रामू से करीब 4 साल छोटी लगभग 20 बरस की जवान लोंड़िया हो चुकी थी लेकिन रमिया को देख कर यही कहेगे कि उसका शरीर तो पूरा भर चुका था लेकिन उसमे अकल बच्चो जैसी ही थी इसलिए उसके घर के खास कर रामू उसे बहुत प्यार करता था, निर्मला करीब 26 साल की एक मस्त औरत की तरह नज़र आने लगी थी लेकिन अभी तक शादी नही हो पाई थी, रामू की मा सुधिया 46 साल की बहुत ही सख़्त औरत थी उसके सामने गाँव का कोई भी ज़्यादा बोलने की हिम्मत नही करता था लेकिन सुधिया को देख कर अछो-अच्चो के लंड खड़े हो जाया करते थे,

जब रामू हरिया काका के पास जाकर बैठ जाता है तो हरिया काका अपनी खत के नीचे से चिलम निकाल कर पीते हुए कहा तो रामू आजकल का चल रहा है तुम तो कुछ दिनो से यहाँ फटकते भी नही हो, का दिन भर घरे मे घुसे रहते हो,

रामू- अरे नही काका घर मे रुकने की फ़ुर्सत कहाँ है, बस यह इतफ़ाक़ है कि मे इधर से जब भी गुज़रता हू तुम नज़र नही आते,

हरिया- चलो कोई बात नही बेटवा, और फिर चिलम का गहरा कस खीच कर रामू को देते हुए, ले बेटा तू भी आज तो लगा ले

रामू- अरे नही काका हम इसे पी लेते है तो फिर काम मे मन नही लगता है

हरिया- मुस्कुराते हुए, पर बेटा इसको पी कर एक काम मे बड़ा मन लगता है

रामू- वो कौन से काम मे

हरिया- मुस्कुराते हुए अरे वही चुदाइ के काम मे

रामू- काका अब अपनी उमर का भी लिहाज करो 45 साल के हो गये हो फिर भी मन नही भरा है

हरिया- अरे बेटवा इन चीज़ो से किसी का कभी मन भरा है भला, अब तुमका देखो इस उमर मे तुमका एक मस्त चूत मिल जाना चाहिए तो तुम्हारे चेहरे पर कुछ निखार आए पर तुम हो की बस काम के बोझ के तले दबे जा रहे हो,

रामू- तो काका चोदने के लिए एक औरत भी तो होना चाहिए अब तुम ही बताओ हम किसे चोदे

हरिया-मुस्कुराते हुए तुम्हारे आस पास बहुत माल है बेटा ज़रा अपनी नज़रो से पहले उन माल को देखो तो सही तुम्हारा मन अपने आप उन्हे चोदने का होने लगेगा,

रामू- अच्छा काका तुम्हारी नज़र मे ऐसी कौन सी औरत है जिसकी में चूत मार सकता हू

हरिया- मुस्कुराते हुए, देखा रामू हम तुमको बहुत मस्त उपाय बता सकते है पर पहले तुमको हमारे साथ दो -चार चिलम मारना पड़ेगी तभी तुमको हमारी बात सुनने मे मज़ा आएगा, अगर तुम्हारा मन हो तो शाम को आ जाना हम तुमको मस्त कर देंगे,

दोनो की बाते चल रही थी तभी हरिया की बेटी जो खेतो मे कुछ काम कर रही थी, हरिया ने उसे आवाज़ देकर कहा

हरिया- अरे चंदा बिटिया ज़रा गिलास मे पानी तो भर कर ले आ बड़ी देर से गला सूख रहा है, चंदा जो कि हरिया की 16 साल की लड़की थी वही एक छोटा सा घाघरा और सफेद शर्ट पहने उठ कर आई और पानी भर कर जैसे ही उसने कहा लो बाबा पानी

हरिया ने जैसे ही उसके हाथ से गिलास लिया चंदा एक दम से चीखते हुए अपनी चूत को घाघरे के उपर से पकड़ कर चिल्लाने लगी, हरिया और रामू एक दम से खड़े हो गये

हरिया- अरी क्या हुआ क्यो चिल्ला रही है

चंदा-आह बाबा लगता है कुछ काट रहा है तभी हरिया ने उसका घाघरा उपर करके नीचे बैठ कर देखने लगा उसके साथ ही रामू भी बैठ कर देखने लगा, चंदा की बिना बालो वाली गोरी गट चिकनी चूत देख कर तो रामू के मुँह मे पानी आ गया वह हरिया अपनी बेटी की चूत को अपने मोटे-मोटे हाथो से खूब उसकी फांके फैला-फैला कर देखने लगा हरिया जैसे ही उसकी फांके फैलता रामू का मोटा लंड तन कर झटके मारने लगता, हरिया उसकी चूत के पास से एक चींटे को पकड़ लेता है जो मसल्ने की वजह से मर चुका था उसके बाद अपनी बेटी को दिखाते हुए देख यह काट रहा था तुझे,

अब जा आराम से काम कर में बाद मे दवा लगा दूँगा,

चंदा को जाते हुए हरिया और रामू देख रहे थे जो कि अपनी मोटी कसी हुई गान्ड मटका कर जा रही थी तभी रामू ने हरिया की ओर देखा जो अपनी धोती के उपर से अपने मोटे लंड को मसलता हुआ काफ़ी देर तक अपनी बेटी को जाते हुए देखता रहा,

फिर उसकी नज़र जब रामू पर पड़ी तो उसने मुस्कुराते हुए अपने लंड से हाथ हटाकर कहने लगा मादर्चोद ने लंड खड़ा कर दिया,

देख ले रामू जब यह चिलम कस कर पी लो ना तब आसपास बस चूत ही चूत नज़र आने लगती है

रामू- पर काका तुम्हारा लंड तो अपनी बिटिया को देख कर ही खड़ा हो गया

हरिया- अरे रामू तूने उसकी चूत नही देखी कितनी चिकनी है और उसका गुलाबी छेद, मेरे मुँह मे तो पानी आ गया और तू कहता है आपका लंड खड़ा हो गया, अरे चूत मे का किसी का नाम लिखा होता है कि यह बेटी की है कि यह मा की, हम तो जब ऐसी गुलाबी और चिकनी चूत देख लेते है तो फिर बिना चोदे नही रह पाते है, अब देखो हमारे इस मूसल को जब तक यह कोई चूत पा ना जाएगा तब तक चैन से बैठेगा नही,

आज शाम को तुम आओ फिर मे तुम्हे ऐसी चिलम पिलाउन्गा कि तुम जिसको भी देखोगे उसे चोदने का मन करेगा समझे,

रामू का मोटा लंड पूरी तरह तन चुका था चंदा की चूत का वह गुलाबी छेद उसे पागल कर गया था और वह भी अब चूत चोदने के लिए पागल हो उठा था, वह यह कह कर चल दिया की वह शाम को उनके पास आएगा और फिर वह वहाँ से चल देता है, आस पास गन्ने के खेत होने की वजह से हरिया की खत जहाँ लगी थी वहाँ से सिर्फ़ उसकी झोपड़ी ही नज़र आती थी बाकी सारे खेत खड़े होने पर ही नज़र आते थे,

रामू चलते-चलते सोचने लगा, कही ऐसा तो नही कि हरिया काका उसके आने के बाद उसकी बेटी के साथ कुछ कर रहा हो और यह सोचते ही रामू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था वह चुपचाप दबे पाँव गन्ने के पीछे से छुपता हुआ वहाँ तक आ गया जहाँ से उसे हरिया की खाट नज़र आने लगी थी, और उसने जब वहाँ देखा तो वह देखता ही रह गया,

हरिया काका खाट पर पेर फैलाए लेटा हुआ था और अपने हाथो मे अपना मोटा लंड लेकर उसे मसल रहा था और उसकी नज़रे खेत मे काम कर रही अपनी बेटी चंदा की ओर थी

चंदा बार-बार झुक-झुक कर घास उठा-उठा कर इकट्ठा कर रही थी और हरिया काकी अपनी 16 साल की चिकनी लोंड़िया की उठती जवानी देख-देख कर अपना काला मोटा लंड अपने हाथ से खूब मसल रहा था, उसके बाद हरिया काका ने अपनी चिलम मुँह मे लगाकर जब एक तगड़ा कस मारा तो हरिया काका की आँखे एक दम लाल हो चुकी थी और फिर हरिया काका बैठ कर अपने दोनो परो को फैलाकर अपने मोटे लंड को खूब हिलाते हुए अपनी बेटी चंदा की मोटी गुदाज गान्ड को देखने लगा,

रामू गन्नो के बीच छुपा हुआ हरिया काका को लंड मसल्ते हुए देख रहा था, वैसे चंदा की मटकती गान्ड और कसी जवानी ने उसका भी लंड खड़ा कर दिया था, तभी हरिया काका ने चंदा को आवाज़ दी, अरे बिटिया यहाँ आओ,

चन्दा दौड़ कर अपने बाबा के पास आ कर क्या है बाबा

हरिया- ज़रा दिखा तो बेटी चिंता जहाँ काटा था,

चंदा- पर बाबा चीटा तो निकल गया ना

हरिया-अपने लंड को मसल्ते हुए, अरे बिटिया हमे दिखा तो कहीं सूजन तो नही आ गया,

चंदा-अच्छा बाबा दिखाती हू और चंदा ने अपने बाबा के सामने अपना घाघरा जैसे ही उँचा किया, हरिया ने अपनी बेटी की नंगी गान्ड पर पीछे से हाथ भर कर उसकी मोटी गान्ड को दबोचते हुए जब अपनी बेटी की कुँवारी चूत पर हाथ फेरा तो जहाँ हरिया का लंड झटके मारने लगा वही रामू का मोटा और काला लंड भी उसकी धोती से बाहर आ गया था रामू गन्ने के बीच चुपचाप बैठा था और उसकी धोती के साइड से उसका मोटा और काला लंड जो कि 9 इंच लंबा था बाहर निकल आया था और रामू अपने लंड को सहला कर उन दोनो को देख रहा था,

हरिया-अपनी बेटी की चूत को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से सहलाते हुए, अरे बिटिया इसमे तो बहुत सूजन आ गई है,

चंदा- अपना सर झुका कर अपनी चूत को देखने की कोशिश करती हुई, हा बाबा मुझे भी सूजन लग रही है,

हरिया-अच्छा मे खाट पर लेट जाता हू तू मेरी छाती पर अपने चूतड़ रख कर मुझे ज़रा पास से अपनी चूत दिखा, देखु तो सही सूजन ही है या दर्द भी है,

चंदा- बाबा दर्द तो नही लग रहा है बस थोड़ी खुजली हो रही है,

हरिया- बेटी खुजली के बाद दर्द भी होगा इसलिए पहले ही देखना पड़ेगा कि कही चीटे का जहर तो नही चला गया इसके अंदर,

चंदा अपने बाबा की छाती के दोनो ओर पेर कर लेती है और हरिया अपने घुटनो को मोड़ कर अपनी बेटी के सर को तकिये जैसे सहारा देकर उसकी दोनो मोटी जाँघो को खूब फैला कर उसकी चूत को बिल्कुल करीब से अपने मुँह के पास लाकर देखने लगता है, रामू चंदा की गुलाबी रसीली चूत देख कर पागल हो जाता है, हरिया अपनी बिटिया की गुलाबी चूत की फांको को अपनी मोटी-मोटी उंगलियो से अलग करके उसकी चूत के छेद मे अपनी एक मोटी उंगली पेल देता है और चंदा आह बाबा बहुत दर्द हो रहा है,

हरिया- मे ना कहता था दर्द होगा पर तू सुन कहाँ रही थी अब इसका जाहंर जो अंदर घुस गया है उसको बिना चूसे नही निकाला जा सकता है, तू अपनी चूत को थोड़ा और फैला कर मेरे मुँह मे रख मुझे इसका सारा जाहंर अभी चूस-चूस के निकालना पड़ेगा,

चंदा- अपने बाबा की बात सुन कर अपनी गुलाबी चूत को उठा कर अपने बाबा के मुँह के पास लाती है और हरिया अपनी बेटी की गुलाबी कुँवारी चूत को सूंघ कर मस्त हो जाता है उसका लंड पूरी तरह तना रहता है अपनी बेटी की कच्ची गुलाबी चूत देख कर उसकी आँखे लाल सुर्ख हो जाती है और वह अपनी लपलपाति जीभ अपनी बेटी की चूत मे रख कर उसकी गुलाबी चूत को पागलो की तरह चूसने लगता है और चंदा अपने बाबा के सीने पर अपनी गान्ड इधर उधर मतकते हुए आह बाबा आह बाबा बहुत गुदगुदी हो रही है,

हरिया-बेटी तू बिलिकुल चुपचाप ऐसे ही बैठी रहना मे 10 मिनिट मे सारा जाहंर चूस-चूस कर निकाल दूँगा, फिर हरिया अपनी बेटी की रसीली बुर को खूब ज़ोर-ज़ोर से फैला-फैला कर चूसने लगता है, चंदा की कुँवारी बुर अपने बाबा के मुँह मे पानी छ्चोड़ने लगती है, हरिया खूब ज़ोर-ज़ोर से अपनी बेटी की चूत चूस-चूस कर लाल करने लगता है, कुछ देर बाद

चंदा-हे बाबा मे मर जाउन्गि आह आह ओह बाबा बहुत अच्छा लग रहा है बाबा आह आह बाबा छ्चोड़ दो बाबा मुझे पेशाब लगी है, ओह आ आ

चंदा-बाबा का मुँह पकड़ कर हटाती हुई बाबा छ्चोड़ दो मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है,

हरिया- बेटी यह तुझे पेशाब नही लगी है उस जाहंर के निकलने के कारण तुझे ऐसा लग रहा है जैसे तेरा मूत निकलने वाला है अब अगर ऐसा लगे कि तुझे खूब ज़ोर से पेशाब लगी है तो तू ज़ोर लगा कर यही मेरे मुँह पर कर देना,

चंदा- हाफ्ते हुए पर बाबा आपके मुँह पर मे कैसे मुतुँगी

हरिया- पगली मे कह तो रहा हू तुझे मूत नही आएगा बस तेरे जाहंर निकलने के कारण ऐसा लगेगा कि तुझे पेशाब आ रही है तब अपनी आँखे बंद करके मेरे मुँह मे ही कर देना बाकी सब मे सम्हाल लूँगा,

चंदा- मस्ती से भरपूर लाल चेहरा किए हुए थोड़ा मुस्कुरा कर बाबा अच्छा तो बहुत लग रहा है पर मे तुम्हारे मुँह मे पेशाब कर दूँगी तो बाद मे मुझे डांटना मत.

हरिया- अरे मेरी प्यारी बिटिया मे भला तुझे क्यो डाटूंगा चल अब अपनी चूत अपने दोनो हाथो से फैला कर मेरे मुँह मे रख दे मे बचा हुआ जाहंर भी चूस लू, उसका इतना कहना था कि चंदा ने अपने दोनो हाथो से अपनी छूट की फांको को खूब फैलाकर अपनी रस से भीगी गुलाबी चूत को अपने बाबा के मुँह पर रख दिया और हरिया पागलो की तरह अपनी बेटी की गुलाबी चूत को खूब दबोच-दबोच कर चूसने लगा,

हरिया अपनी बेटी की चूत चूसे जा रहा था और चंदा ओह ओह आह बाबा मे मर जाउन्गा आह आह करने लगती है हरिया जब अपनी जीभ को उसकी गुदा से चाटता हुआ उसकी चूत के उठे हुए दाने तक लाता है तो चंदा बुरी तरह अपनी पूरी चूत खोल कर अपने बाबा के मुँह मे रगड़ने लगती है, हरिया लपलप अपनी बेटी की रसीली बर को खूब ज़ोर-ज़ोर से पीने लगता है और चंदा आह आह करती हुई ओह बाबा ओह बाबा मे गई मे आपके मुँह मे मूत दूँगी बाबा आह आह और फिर चंदा एक दम से अपने पापा के मुँह मे अपनी चूत का सारा वजन रख कर बैठ जाती है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगती है,

क्रमशः............


गन्ने की मिठास--2

गतान्क से आगे......................

कुछ देर तक हरिया और उसकी बेटी साँसे लेती रहती है और उधर रामू अपने लंड को मुठिया-मुठिया कर लाल कर लेता है, कुछ देर बाद चंदा अपने बाबा से मुस्कुरा कर बाबा जाहंर निकल गया कि और भी चतोगे मेरी चूत को

हरिया- देख बेटी जाहंर तो निकल गया है पर तेरे अंदर जो दर्द है उसे मिटाना पड़ेगा नही तो यह बाद मे बहुत तकलीफ़ देगा,

चंदा-अपने हाथ से अपनी चूत को मसल्ति हुई, पर बाबा अब तो दर्द नही हो रहा है,

हरिया-बेटी दर्द ऐसे मालूम नही पड़ेगा देख मे बताता हू कि तेरे अंदर दर्द भरा है या नही और फिर हरिया अपनी बेटी की चूत को खोल कर उसके अंदर अपनी बीच की सबसे मोटी उंगली डाल कर जैसे ही ककच से दबाता है चंदा के पूरे बदन मे एक दर्द की लहर दौड़ जाती है और वह अपनी चूत को कसते हुए आह बाबा बड़ा दर्द है अंदर तो,

हरिया-अपनी उंगली निकाल कर चाटता हुआ, तभी ना कह रहा हू बेटी इसके अंदर का दर्द अच्छे से साफ करना पड़ेगा और उसके लिए इसके अंदर कुछ डालना पड़ेगा,

चंदा- अपने बाबा को देखती हुई क्या डालोगे बाबा

हरिया-बेटी इसमे कुछ डंडे जैसा डालना पड़ेगा तभी इसका दर्द ख़तम होता है,

चंदा- बाबा गन्ने जैसा डंडा डालना पड़ेगा क्या

हरिया-मुस्कुराता हुआ, बेटी गन्ने जैसा ही लेकिन चिकना होना चाहिए नही तो तुझे खरॉच आ जाएगी

चंदा- तो फिर क्या डालोगे बाबा

हरिया- जा पहले झोपड़ी मे से तेल की कटोरी उठा कर ला फिर बताता हू क्या डालना पड़ेगा,

चंदा तेल लेने के लिए झोपड़ी मे जाती है और हरिया अपनी चिलम जला कर एक तगड़ा कस खीचता है और उसकी आँखे पूरी लाल हो जाती है, चंदा अंदर से तेल की कटोरी उठा लाती है और हरिया अपने दोनो पेर खाट से नीचे लटका कर बैठ जाता है,

हरिया अपनी बेटी को अपनी जाँघ पर बैठा कर बेटी मेरे पास जो डंडा है उसे डालने पर बहुत जल्दी तेरा दर्द ख़तम हो जाएगा,

चंदा- तो बाबा दिखाओ ना आपका डंडा कहाँ है

हरिया ने अपनी बेटी की तरफ अपनी लाल आँखो से देखा और फिर अपनी धोती हटाकर अपना मोटा काला लंड जैसे ही अपनी बेटी को दिखाया, अपने बाबा का विकराल लंड देख कर चंदा के चेहरे का रंग उड़ गया, तभी हरिया ने चंदा की चूत को सहलाना शुरू कर दिया और चंदा के हाथो मे अपना लंड थमा दिया,

हरिया- बेटी ऐसे क्या देख रही है पहले कभी किसी का डंडा नही देखा क्या

चंदा- अपना थूक गटकते हुए, बाबा देखा तो है पर यह तो बहुत मोटा और लंबा है,

हरिया- बेटी इस डंडे को जितना ज़ोर से हो सके दबा तभी यह तेरी चूत के अंदर घुस कर तेरा सारा दर्द ख़तम कर देगा,

चंदा-अपने बाबा का लंड सहलाने लगती है और हरिया अपनी बेटी की कुँवारी गुलाबी चूत को सहलाने लगता है चंदा की चूत मे खूब चुदास पैदा हो जाती है और वह अब अपने मनमाने तरीके से अपने बाबा का लंड कभी मसल्ने लगती कभी उसकी चॅम्डी को उपर नीचे करके उसके टोपे को अंदर बाहर करती और कभी अपने बाबा के बड़े-बड़े गोटू को खूब अपने हथेलियो मे भर कर सहलाने लगती, इधर चंदा को इतना मज़ा आ रहा था कि उसे पता भी नही चला कब उसके बाबा ने अपनी उंगली थुन्क मे भिगो-भिगो कर उसकी चूत मे गहराई तक भरना शुरू कर दिया था,

हरिया- बेटी कभी गन्ना चूसा है कि नही

चंदा- हाँ बाबा खूब चूसा है

हरिया-बेटी अपने बाबा का डंडा चूस कर देख गन्ना चूसने से भी ज़्यादा मज़ा आता है

चंदा- हस्ते हुए क्या इसको भी चूसा जाता है

हरिया- एक बार चूस कर देख फिर बता कैसा लगता है

चंदा अपने बाबा की बात सुन कर उसके मोटे लंड को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगती है उसके मुँह मे अपने बाबा का मोटा लंड मुश्किल से समा रहा था वह पहले धीरे-धीरे अपने बाबा का लंड चुस्ती है और फिर जब उसे बहुत अच्छा लगने लगता है तब वह हा बाबा आपका डंडा तो बहुत अच्छा लग रहा है और फिर चंदा उसे खूब कस-कस कर चूसने लगती है.

जब चंदा चूस-चूस कर थक जाती है तब हरिया उसे तेल की कटोरी दे कर ले बेटी इसमे से तेल लेकर मेरे लंड पर अच्छे से लगा दे अब यह तेरी चूत के अंदर जाकर उसका सारा दर्द दूर करेगा,

चंदा- अपनी मस्ती मे आ चुकी थी और अपने बाबा के मोटे लंड पर खूब रगड़-रगड़ कर तेल लगाने लगती है, जब हरिया का लंड तेल से पूरा गीला हो जाता है तब हरिया अपनी बेटी को खाट पर लेटा कर उसकी दोनो जाँघो को उठा लेता है और अपने लंड को अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगा कर अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के गुलाबी रस से भीगे हुए छेद मे फिट करके

हरिया- देख बेटी अब यह जब अंदर घुसेगा तो थोड़ा ज़्यादा दर्द होगा और फिर तुझे एक दम से धीरे-धीरे आराम होने लगेगा, इसलिए ज़्यादा आवाज़ मत करना,

चंदा- आप फिकर ना करो बाबा मे सब सह लूँगी, चंदा के मुँह से यह बात सुनते ही हरिया ने एक तबीयत से ऐसा झटका मारा कि अपनी बेटी की कुँवारी चूत को फाड़ता हुआ सीधा उसका मोटा लंड आधे से ज़्यादा उसकी चूत मे फस गया और चंदा के मुँह से हेय मर गई रे बाबा की ज़ोर से आवाज़ निकल पड़ी हरिया ने जल्दी से उसका मुँह दबा कर एक दूसरा झटका इतनी ज़ोर से मारा कि उसका पूरा लंड जड़ तक उसकी बेटी की चूत को फाड़ कर पूरा अंदर समा गया और चंदा आह करके चीखती है और उसकी आँखो से आँसू आ जाते है उसकी चूत से खून की धार लग जाती है और वह अपनी टाँगे इधर उधर फेकने लगती है, तभी हरिया उसकी गान्ड के नीचे एक हाथ डाल कर उसे उठा कर अपने सीने से चिपका लेता है और धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाते हुए चंदा के दूध को दबा-दबा कर उसकी चूत मे झटके मारने लगता है,

चंदा आह छ्चोड़ दे बाबा बहुत दुख रहा है आह आह ओ बाबा,

हरिया- बेटी अपने बाबा से खूब कस कर चिपक जा अब बिल्कुल दर्द नही होगा अब देखना तुझे कितना मज़ा आएगा, चंदा अपने बाबा से पूरी तरह चिपक जाती है और हरिया अब कुछ तेज-तेज अपनी बेटी की चूत मे अपने लंड से धक्के मारने लगता है, हरिया का लंड अब चंदा की चूत मे कुछ चिकनाहट के साथ जाने लगता है पर उसके लंड को उसकी बेटी की चूत ने बहुत बुरी तरह जाकड़ रखा था इसलिए हरिया को अपनी बिटिया रानी को चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था उसने चंदा की दोनो मोटी जाँघो को थाम कर अब सतसट अपने लंड से पेलाई शुरू कर दी और चंदा आह आह ओ बाबा आह अब ठीक है आह आह ओ बाबा बहुत अच्छा लग रहा है और तेज मारो बाबा तुम बहुत अच्छा मार रहे हो थोड़ा तेज मारो बाबा

हरिया अपनी बेटी की बात सुन कर उसे खूब हुमच-हुमच कर चोदने लगता है, अब हरिया खड़ा होकर अपनी बेटी को अपने लंड के उपर टाँगे हुए उसे अपने खड़े लंड पर उपर नीचे करते हुए उसकी चूत मारने लग जाता है, चंदा पूरे आनंद मे अपने बाबा से बंदरिया की तरह चिपकी हुई अपनी चूत मे अपनी औकात से बड़ा और मोटा लंड फसाए हुए मस्त झूला झूल रही थी, करीब आधा घंटे तक हरिया अपनी बेटी को अपने लंड पर बैठाए रहता है,

हरिया अपनी बेटी के छ्होटे-छ्होटे दूध को भी पकड़ कर मसलता है तब चंदा उससे खूब कस कर चिपक जाती है और उसका पानी निकल जाता है, हरिया अपने लंड पर उसे बिठाए हुए खाट पर बैठ जाता है और चंदा अपने बाबा के लंड पर आराम से अपनी चूत को फसाए हुए बैठी रहती है, हरिया अपनी चिलम निकाल कर एक बार जला कर फिर से एक तगड़ा काश खीचता है और फिर चंदा के मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाते हुए उसे अपने लंड पर लेकर फिर से खड़ा होकर खूब हुमच-हुमच कर चोदने लगता है,

करीब 10 मिनिट बाद हरिया अपनी बेटी को खाट पर लेता देता है और फिर उसके उपर लेट कर तबाद तोड़ तरीके से अपनी बेटी की चूत मारने लग जाता है और फिर कुछ तगड़े धक्के ऐसे मारता है क़ी चंदा का पानी अपने बाबा के लंड के पानी के साथ ही छूट जाता है और दोनो एक दूसरे से पूरी तरह चिपक जाते है,

कुछ देर बाद हरिया उठ कर पानी पीता है और थोड़ी देर बाद चंदा जब उठती है तो आह बाबा दर्द तो अभी भी लग रहा है

हरिया- अपनी बेटी के गालो को चूमते हुए, बिटिया ज़हरीला चिंटा था उसका जाहंर तो निकल गया पर इस दर्द को पूरी तरह मिटाने के लिए मेरे डंडे से तुझे रोज ऐसे ही अपना दर्द मिटवाना पड़ेगा तब ही कुछ दिनो बाद बिल्कुल दर्द मिट जाएगा,

चंदा-अपने बाबा के मोटे लंड को अपने हाथो मे भर कर दबाते हुए, बाबा तुम्हारा डंडा बहुत मस्त है मुझे तो बड़ा मज़ा आया है, अब तो मे खुद ही इस डंडे से अपना दर्द रोज मिटवाउन्गि

हरिया- अपनी बेटी की बात सुन कर खुश होता हुआ, हा बेटी ठीक है पर एक बात ध्यान रखना यह बात किसी को नही बताना अपनी मा को भी नही समझी, नही तो तेरी शादी नही हो पाएगी

चंदा- नही बाबा मे किसी को नही बताउन्गि

हारिया-अच्छा अब जा जाकर झोपड़ी मे थोड़ा आराम कर ले

रामू वहाँ से दबे पाँव उठ कर अपने खेतो की ओर चल देता है और उसका लंड उसे पागल किए जा रहा था उसके मन मे भी चोदने की एक बहुत ही बड़ी इच्छा ने जनम ले लिया था और वह यह सोच रहा था कि इस हरिया काका की चिलम मे कितना दम है अपनी बेटी को कितनी देर तक कितनी मजबूती से चोद्ता रहा, कितना मज़ा आया होगा उसे अपनी बेटी को चोदने मे, बस यही सोचता हुआ रामू अपने खेतो की ओर चल देता है,

खेत पर पहुचने के बाद रामू अपनी खाट बाहर निकाल कर गन्नो के बीच एक चोकोर जगह पर खाट डाल कर लेट जाता है पर उसकी आँखो मे तो बस चंदा की गुलाबी चूत ही नज़र आ रही थी, थोड़ी देर लेटे रहने के बाद रामू को कुछ दूरी पर रमिया आती हुई नज़र आ रही थी, रमिया 20 साल की हो चुकी थी और उसका शरीर वक़्त से पहले ही इतना भर चुका था कि उसे अगर अपने चूतड़ हिलाकर चलते हुए कोई भी देखे तो उसका लंड खड़ा हो जाए,

और वह भोली इतनी थी जैसे कोई बच्ची हो, रमिया जैसे ही रामू के पास आती है रामू उसे देख कर सोचने लगता है उसकी बहन रमिया तो चंदा से भी गोरी और भरे बदन की है रमिया की चूत कितनी बड़ी और गुलाबी होगी अगर रमिया की चूत मुझे उसी तरह चाटने और चोदने को मिल जाए जैसे हरिया ने अपनी बेटी की चूत चाट-चाट कर चोदि थी तो वाकई मज़ा आ जाएगा, पर इसके लिए उसे हरिया काका की चिलम पीना

पड़ेगी तभी वह अपनी प्यारी बहन को तबीयत से चोद पाएगा,

रमिया- अरे भैया आम खाओगे खूब पके है पास के पेड़ से गिरे थे तो मे उठा लाई,

रामू- रमिया के मोटे-मोटे पके आमो जैसी चुचियो को घूर कर देखते हुए, अरे

रमिया आम खाते थोड़े है आम को तो चूसा जाता है,

रमिया-अपने भैया से सॅट कर बैठते हुए, तो भैया चूसो ना और रमिया उसकी और एक पका हुआ आम बढ़ा देती है, रमिया ने एक स्कर्ट और उपर एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी थी शर्ट के अंदर ब्रा नही थी और उसके बटनो के बीच की गॅप से रमिया के मोटे-मोटे चुचे ऐसे कसे हुए नज़र आ रहे थे कि आम की साइज़ भी उसके तने हुए मस्त ठोस चुचियाँ से छ्होटे नज़र आ रही थी,

वही उसकी पुरानी सी स्कर्ट उसके घुटनो के भी उपर तक थी जिसकी वजह से उसकी भरी हुई गोरी पिंदलिया और मोटी-मोटी गदराई जंघे बहुत मादक नज़र आ रही थी, रामू का लंड अपनी बहना को देख कर अपनी धोती मे पूरा तन चुका था. रामू ने रमिया का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खिचते हुए,

रामू- क्यो री मा क्या कर रही है घर मे,

रमिया- अभी जब मे आई तो नहा रही थी,

रामू- वही घर के आँगन मे नहा रही थी क्या

रमिया- हाँ और दीदी भी उनके साथ नहा रही थी

रामू- दीदी ने क्या घाघरा चोली पहना था

रमिया- नही पेटिकोट पहन कर मा से अपनी टाँगे रगडवा रही थी,

रामू- अरे दीदी से कह दे कभी रामू से भी टाँगे रगडवा ले मे बहुत अच्छी टाँगे रगड़ता हू

रमिया- इठलाते हुए हटो भैया मुझे आम चूसने दो

रामू- आ मेरी गोद मे बैठ कर आराम से मे तुझे चुसता हू

रमिया झट से रामू की गोद मे जैसे ही बैठने जाती है रामू अपना हाथ उसकी स्कर्ट मे भर कर उसके भारी-भारी चुतड़ों से उपर उठा देता है और फिर उसके नंगे चुतड़ों को अपनी जाँघ पर रख कर उसे प्यार से सहलाता हुआ हल्के से उसकी तनी हुई चुचियो पर अपने हाथ रख कर उसे देखने लगता है, रमिया आम को दबा-दबा

कर उसका रस चूस रही थी और रामू रमिया के रसीले होंठो को देख रहा था, रामू उसका गाल चूमते हुए उसकी चुचियों को थोड़ा सा अपने हाथो मे भर कर अपने भैया को नही चूसाएगी,

रमिया-अपने भैया की ओर देखती हुई उसके मुँह की ओर आम कर देती है तब रामू आम को एक दम से हटा कर रमिया के रसीले गुलाबी होंठो को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगता है और उसका हाथ अचानक ही रमिया की मोटी-मोटी चुचियो को शर्ट के उपर से खूब ज़ोर से मसल्ने लगता है,

रमिया- आह भैया यह क्या कर रहे हो मुझे दर्द हो रहा है, छ्चोड़ो ना

रामू- उसका मुँह छ्चोड़ कर उसके गाल को चूमता हुआ,

रामू से रहा नही जा रहा था उसका लंड पूरी तरह तन चुका था लेकिन वह जानता था कि रमिया इतनी भोली है कि बहुत सोच समझ कर उसे चोदना होगा,

रमिया आम खाने के बाद खड़ी होकर एक अंगड़ाई लेती है और भैया कोई मोटा सा गन्ना दो ना मुझे चूसने के लिए

रामू- उसकी बात सुन कर अपने लंड को मसल्ते हुए, रानी बहना गन्ना तो बहुत मोटा है पर क्या तू इतना मोटा गन्ना चूस लेगी,

रमिया वही गन्ने के बीच अपने भारी-भारी चुतड़ों को मतकाते हुए टहलने लगती है और अपनी बहन की कातिल कुँवारी जवानी देख कर रामू का मोटा लंड पागल होने लगता है, रामू अपनी बहन की एक छोटी सी स्कर्ट मे मटकती मोटी गान्ड देख कर उसके पीछे पीछे बिल्कुल उससे सतते हुए चलने लगा उसने रमिया के मोटे चुतड़ों को थामते हुए उससे पूछा ये इधर उधर क्या देख रही है रमिया,

क्रमशः.............


गन्ने की मिठास--3

गतान्क से आगे......................

तब रमिया ने कहा वह तो कोई अच्छा सा गन्ना चाहती है जिसमे खूब रस भरा हो, आज उसका एक मोटा सा गन्ना चूसने का मन है, रामू का मोटा लंड पूरी तरह तन चुका था आज वह अपनी बहन रमिया को चोदने के लिए पागल हुआ जा रहा था, एक तो हरिया काका ने जिस तरह से अपनी 16 साल की चिकनी लोंड़िया को चोदा था बस उस नज़ारे को याद करके रामू का लंड और भी झटके मार रहा था,

रामू- अपनी बहन की मोटी गान्ड की दरार मे अपनी एक उंगली हल्के से दबा कर, मेरी बहना तू इधर उधर क्या देख रही है जब कि एक मस्त गन्ना तो मेरे पास है अगर तू मेरा गन्ना चूसना चाहती हो तो बोल,

रमिया- आप का गन्ना अच्छा लंबा और मोटा है

रामू- एक बार जब तू अपने इन गुलाबी होंठो से उसे चुसेगी तो तुझे ऐसा मज़ा मिलेगा कि तू फिर रोज मुझसे कहेगी कि भैया अपना गन्ना अपनी बहन को चूसा दो ना,

रमिया-तो भैया चुसाओ ना अपना गन्ना,

रामू- अच्छा तो चल मेरे साथ लेकिन वहाँ खेत का कुछ चारा दोनो मिल कर काट लेते है और फिर रामू रमिया को लेकर खेत मे चारा काटने लगते है रामू जानबूझ कर अपनी धोती के साइड से अपने मोटे लंड को बाहर निकाल लेता है रमिया उसके सामने बैठी-बैठी चारा काटती रहती है तभी अचानक रमिया की नज़र रामू के मोटे काले लंड पर पड़ जाती है और रमिया, का चेहरा एक दम से लाल होने लगता है, रमिया अपना थूक गटकते हुए बार-बार उसके मोटे लंड को देखती जा रही थी, और रामू तिरछी नज़रो से उसकी प्रतिक्रिया देख रहा था,

रामू बड़ा चतुर था जैसे-जैसे रमिया उसके लंड को देख रही थी रामू रमिया की चूत की कल्पना करके अपने लंड को और खड़ा कर रहा था, रामू का लंड जैसे-जैसे बढ़ने लगा रमिया की साँसे तेज होने लगी थी, अब रमिया का यह हाल था कि वह एक तक रामू के लंड को देखे जा रही थी, यही मोका था कि रामू ने रमिया को आवाज़ देकर

रमिया- क्या देख रही है,

रामू की आवाज़ सुन कर रमिया एक दम से घबरा गई और कुछ नही भैया करने लगी

रामू ने अपने लंड की ओर देखा और फिर रमिया को देखते हुए, तू मेरे लंड को देख रही है,

रमिया- नही भैया मे कहाँ देख रही हू

रामू-सच-सच बता दे तू मेरे लंड को देख रही थी ना, अगर सच नही बताएगी तो मे मा से तेरी शिकायत करूँगा

रमिया- वो भैया ग़लती से नज़र चली गई,

रामू- उसके पास सरक कर अब तूने मेरा देखा है तो अपना भी दिखा नही तो मे मा से बता दूँगा कि तू मेरा लंड देख रही थी,

रमिया- नही भैया मा से ना कहना नही तो वह मारेगी,

रामू- तो फिर चल अपनी स्कर्ट हटा कर मुझे भी अपनी चूत दिखा और फिर रामू ने उसे उसके चुतड़ों के बल वही बैठा दिया और झट से उसकी स्कर्ट पकड़ कर उपर कर दी, अपनी बहन की फूली हुई गुलाबी फांको वाली चूत देख कर रामू का लंड लोहे जैसा तन गया,

रामू- थोड़ा अपने चेहरे पर गुस्से के भाव लाता हुआ, थोड़ा अपनी जाँघो को और फैला

रमिया ने रामू की बात सुन कर अपनी जाँघो को और चौड़ा कर लिया और उसकी चूत का गुलाबी लपलपता छेद देखा कर रामू का लंड झटके मारने लगा, रामू ने धीरे से अपने हाथ को रमिया की रसीली फूली हुई चूत पर फेरते हुए,

रामू- रमिया तेरी चूत तो बहुत फूली हुई है

रमिया-रामू के खड़े विकराल लंड को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देख रही थी और रामू अपनी बहन की चूत की फांको को अपने हाथो से फैला-फैला कर देख रहा था, रमिया की चूत मे बहुत मस्ती चढ़ने लगी थी और उसे अपने भैया के हाथो से धीरे-धीरे अपनी चूत कुरेद वाना बहुत अच्छा लग रहा था,

तभी रामू ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर देखते हुए, अरे रमिया मेरा लंड तो तेरी चूत को देख कर बहुत गरम हो रहा है ज़रा पकड़ कर देख और फिर रामू ने रमिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया, रमिया डरते हुए धीरे-धीरे रामू के लंड को सहलाने लगी और रामू ने रमिया की फूली हुई चूत को दुलारना शुरू कर दिया, कुछ देर तक रामू अपनी बहन से अपने लंड को सहलवाता रहा फिर रामू ने उससे कहा चल खाट पर आराम से बैठ कर बाते करते है और उसका हाथ पकड़ कर खाट पर लाकर बैठा देता है, रामू उससे चिपक कर लेट जाता है,

रामू- रमिया तुझे अच्छा लग रहा है

रमिया- हाँ भैया

रामू- तेरी चूत सहलाऊ

रमिया- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और रामू उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाने लगता है और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर जैसे ही रखता है रमिया कस कर अपने भैया का मोटा लंड अपने हाथो मे पकड़ लेती है,

रामू- रमिया के होंठो को चूमता हुआ, अच्छा यह बता रमिया अभी तू जब घर से आई थी तब मा और दीदी दोनो पूरी नंगी होकर नहा रही थी क्या,

रमिया- नही भैया दोनो ने पेटिकोट पहन रखा था, रामू अच्छा तो मा और दीदी के दूध तो पूरे नंगे रहे होंगे ना

रमिया-हाँ भैया दोनो के दूध पूरे नंगे थे,

रामू-अच्छा मा के दूध ज़्यादा बड़े है कि दीदी के

रमिया- बड़े तो दोनो के है पर मा के कुछ ज़्यादा मोटे-मोटे है,

रामू-अच्छा क्या तेरे दूध भी मा और दीदी के दूध के बराबर है,

रमिया- अपने दूध को देख कर नही भैया मेरे तो छ्होटे है

रामू- अपनी ललचाई नज़रो से रमिया की कसी हुई चुचियो को देख कर, पर मुझे तो तेरे दूध मा और दीदी से भी बड़े नज़र आ रहे है

रमिया- नही भैया छ्होटे है चाहो तो खोल कर देख लो

रामू-अच्छा दिखा और फिर रामू रमिया के शर्ट के बतनो जल्दी-जल्दी खोल देता है और जब वह अपनी बहन के मोटे-मोटे बिल्कुल ठोस कसे हुए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर मसलता है तो उसे मज़ा आ जाता है और रमिया एक मीठे से दर्द के मारे सिहर जाती है,

तभी अचानक उन्हे गन्ने की सरसराहट की आवाज़ आती है तो दोनो अलग हो जाते है और रमिया उठ कर खड़ी होकर देखने लगती है तभी सामने से हरिया काका चला आ रहा था, रमिया मटकती हुई झोपड़ी की ओर चल देती है और रामू खड़ा होकर, अरे आओ हरिया काका

हरिया- और बेटा क्या हो रहा है, अरे बैठा-बैठा बोर हो रहा था सोचा चलो रामू के पास ही चल कर बैठेंगे,

रामू-अच्छा किया काका जो आ गये और बताओ आज चिलम नही लगाए हो का

हरिया अरे बेटा चिलम लगाए होते तो अब तक तो हमारा हथियार लूँगी मे ही खड़ा होता

रामू-मुस्कुराते हुए, तो काका अगर चिलम लगा लो तो हथियार ज़्यादा खड़ा होता है का

हरिया- बेटा ये तो हम नही जानते पर हाँ इतना ज़रूर है कि जब हम चिलम लगा लेते है तो हमे चोदने का बड़ा मन करने लगता है

रामू- अभी लिए हो का काका

हरिया- का चिलम

रामू- हा

हरिया- अरे वो तो हम हमेशा साथ लेकर ही चलते है, पर लगता है आज तुम्हारा मन भी इसे पीने का कर रहा है

रामू- हाँ काका आज हमे भी पिला दो

हरिया- ठीक है बेटवा अभी पिला देते है और फिर हरिया काका चिलम तैयार करके रामू को देता है और रामू कस मारना शुरू कर देता है, दोनो चिलम पी कर मस्त हो जाते है और फिर

तभी उधर से रमिया पानी लेकर आती है जब वह पानी पिला कर जाने लगती है तो उसके मटकते मोटे-मोटे चुतड़ों को अपनी लाल आँखो से घूरते हुए हरिया कहता है रामू बेटा अब तुम्हारी बहना भी बड़ी लोंड़िया नज़र आने लगी है, तुम तो बेकार ही यहाँ वहाँ परेशान हो रहे हो ज़रा आस पास नज़र डालो तो तुम्हे बड़ी मस्त-मस्त लोंड़िया मिल जाए चोदने के लिए,

रामू- अपनी बहन की गदराई जवानी को देख कर हरिया को देखता हुआ, पर काका हम किसे चोदे

हरिया- अरे तुम्हारी यह रमिया है ना बड़ी मस्त लोंड़िया लग रही है, मेरा कहा मानो तुम दिन भर इसे लेकर यही गन्नो के बीच रहते हो, बड़ा अच्छा मोका है तुम्हारे पास यही लोंड़िया को खूब कस-कस कर पेलो, तुम्हारे तो मज़े हो जाएगे

रामू- पर काका वो तो हमारी बहन है,

हरिया- अरे तुम बहन की बात करते हो हमने तो अपनी 16 साल की लोंड़िया की मस्त पेलाई की है.

रामू- क्या बात कर रहे हो काका

हरिया- अपने लंड को मसल्ते हुए, अरे हम सच कह रहे है और ऐसी कुँवारी लोंड़िया की गुलाबी चूत मे जब अपना लंड पेलते है ना तो बड़ा मज़ा आता है, जब तुम अपनी रमिया की गुलाबी चूत देखोगे ना तो उसकी चूत को चूसे बिना नही रह पाओगे,

हरिया- और फिर तुम्हारे घर मे तो बहुत माल है, तुम्हारी बड़ी बहन भी मस्त चोदने लायक हो गई है राजा मोका अच्छा है दोनो लोंड़िया अभी कुँवारी है किसी भी तरह दोनो लोंदियो को चोद डाल,

रामू- काका तुम्हे अपनी बेटी चंदा को चोदने मे बहुत मज़ा आया था,

हरिया- अब क्या बताऊ रामू बहुत चिकनी और गुलाबी चूत है उसकी जब उसकी जंघे फैला कर उसकी रस से भरी फूली चूत देखता हू तो पागल हो जाता हू जी भर कर अपनी लोंड़िया की चूत चूस्ता हू और फिर खूब कस-कस कर उसकी चूत को अपने मोटे लंड से चोद्ता हू, सच मे उसकी कसी चूत मे इतना कसा-कसा जाता है मेरा लंड कि क्या बताऊ,

रामू- चंदा भी खूब कस्के लिपटती होगी आप से

हरिया- अरे उसे तो हमने अपनी गोद मे उठा कर उसे अपने लंड पर बैठा लिया था और वह हमारी छाती से चिपकी हुई अपने चूतड़ हमारे लंड की ओर धकेल रही थी,

रामू- पर काका हम रमिया को चोदने के लिए कहे कैसे,

हरिया- अरे रमिया को प्यार से अपनी गोद मे बैठा ले और फिर उसकी दोनो चुचियो को धीरे-धीरे सहलाते हुए कभी उसके गालो को चूम कभी उसके होंठो को चूम ले और बीच-बीच मे उसकी मोटी कसी हुई छातीयो को कस कर दबा दे और फिर उससे पुंछ कैसा लग रहा है रमिया और फिर जहाँ तू उसे थोड़ा गरम कर देगा वह खुद ही अपनी चूत तेरे सामने खोलने लगेगी, चल बेटवा अब हम चलते है हमारी लोंड़िया हमारा इंतजार कर रही होगी और फिर हरिया वहाँ से चला जाता है उसके जाने के बाद रामू वहाँ से खड़ा होकर रमिया के पास जाकर खड़ा हो जाता है,

रामू- रमिया का हाथ पकड़ कर सहलाते हुए तू यहाँ क्यो खड़ी है चल वहाँ बैठेंगे और फिर रमिया का हाथ पकड़ कर खाट के पास लेजता है और उसे अपनी गोद मे बैठा लेता है,

रामू- उसके गालो को चूमता हुआ मेरी गुड़िया रानी इतनी गर्मी मे तू यह शर्ट अपने सीने पर कैसे कसे रहती है मुझे देख मे केवल अपनी धोती पहने कैसे खुला हवा लेता हू ला तेरी यह शर्ट के बटनो खोल देता हू कुछ हवा लग जाए और फिर रामू ने रमिया के बटन खोलने शुरू किए

रमिया- कसमसाते हुए भैया कहाँ गर्मी लग रही है

रामू- अरे इन्हे हवा लगाना बहुत ज़रूरी है तूने देखा नही मा और दीदी कैसे खोल कर नहा रही थी तू तो पागल है मेरी गुड़िया कुछ भी नही समझती इनकी तो मालिश भी करना पड़ती है नही तो इनमे दर्द रहता है और फिर रामू उसकी शर्ट के बॅटन खोलने के बाद उसके मोटे पके हुए बड़े-बड़े कलमी आमो की तरह तने हुए चुचो को अपने हाथो मे भर कर जब कस कर मसलता है तो रमिया कराह उठती है,

रमिया- आह भैया बड़ा दर्द हो रहा है

रामू- मे ना कहता था इनमे दर्द रहेगा, इसी लिए तो कह रहा हू इनको हवा लगने दो और मे इनकी आज अच्छे से मालिश कर देता हू तो तेरा दर्द बिल्कुल ख़तम हो जाएगा,

रामू- तू एक काम कर मेरी तरफ मुँह करके अपने पेर मेरे आस पास करके आराम से बैठ जा मे तेरी अच्छे से मालिश कर देता हू, रमिया अपने भैया की गोद मे जैसे ही बैठती है उसकी गान्ड मे अपने भैया का मोटा लंड चुभने लगता है पर वह एक दम से बैठ जाती है और रामू उसके भारी चुतड़ों को पकड़ कर अपनी और दबा लेता है, अब रामू अपने हाथो से अपनी बहन के मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसल्ने लगता है और रमिया आह आह करती हुई अपने भैया से चिपकने की कोशिश करने लगती है,

रामू रमिया के रसीले होंठो को चूमता हुआ उसके दूध पागलो की तरह मसल्ने लगता है और रमिया उसकी बाँहो मे तड़पने लगती है.

रमिया- आह भैया धीरे दबाओ ना तुम तो दर्द मिटाने की बजाय दर्द दे रहे हो,

रामू- रमिया के होंठो को चूम कर मेरी गुड़िया रानी आज मे तुझे बहुत मीठा-मीठा दर्द दूँगा,

रमिया- उसकी गोद से अपनी गान्ड उठाते हुए अपने हाथो से रामू का मोटा लंड उसकी धोती से बाहर निकाल कर, भैया ये मुझे चुभ रहा है,

रामू- मेरी बहना यह तेरे भैया का गन्ना है इसे चूसा भी जाता है,

रमिया- मुस्कुरकर इसे कैसे चूसा जाता होगा भैया,

रामू- अरे तू नही जानती सब औरते सभी आदमियो का गन्ना बड़े प्यार से चाट-चाट कर चुस्ती है, ले तू भी इसे अपनी जीभ से चूस कर देख,

रमिया- नही भैया मे नही चुसुन्गि मुझे अच्छा नही लगता है

रामू- मेरी प्यारी बहना एक बार चूस कर देख फिर मे तेरे लिए सुंदर सी पायल ला कर दूँगा,

रमिया- खुश होते हुए सच कह रहे हो,

रामू- धीरे से उसकी फूली हुई चूत पर अपना हाथ रख कर मेरी रानी अब चूस भी ले और फिर रामू अपने लंड को रमिया के मुँह मे दे कर उसकी चूत के गुलाबी रस से भरे हुए छेद मे धीरे से एक उंगी डाल कर अपनी बहन की कुँवारी चूत को सहलाने लगता है, रमिया को अपने भाई के लंड को चाटने और चूसने मे मज़ा आने लगता है और वह अपने भाई के लंड को अपने हाथो मे भर कर खूब दबोच-दबोच कर चूसने लगती है,

क्रमशः.............
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