अनजान शहर में रंडी बन गई

ये सेक्स की न्यूड कहानी है एक अबला गाँव की लड़की की। जो अपनी ज़िन्दगी सवारने शहर आती है पर आते ही ज़िन्दगी उसे अलग ही मंज़र दिखा देती है।
गीता गांव में अपने परिवार के साथ रहती थी जिसमें उसके माता पिता और एक छोटा भाई था और वो खेती करके बडी मुश्किल से अपना गुजारा करते थे। पर एक साल सुखे की वजह से उनकी खेती पुरी तरह से चौपट हो गई और उनके पास खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे थे उपर से बैंक से उन्होने बीज और दवाई का कर्ज ले रखा था वो अलग। आखिर में जब उनके पास कोई चारा नहीं बचा तो गीता के पिताजी ने उसे शहर में अपने भाई के पास भेज दिया जिसने उनसे वादा कर रखा था की गीता को शहर में कोई काम दिला देगा जिससे वो अपना घर चला सकेंगे और कर्ज भी चूका देंगे। गीता इससे पहले कभी गांव से भी बाहर नहीं गई थी लेकिन अपने घर की हालत देखकर उसके पास कोई और चारा नहीं बचा था।
उसके माता पिता ने उसे शहर जाने वाली गाडी में बेठा दिया और नर्म आंखो से विदा किया। गीता अन्दर से बहुत डर रही थी लेकिन लेकिन वो अपना दिल मजबूर करके रेलगाडी में बैठ गई और लगभग 36 घंटे के लम्बे सफर के बाद वो रात के 11 बजे शहर पहुची। रेलगाडी से उतरने के बाद वो स्‍टेशन पर खडी होकर उसके चाचा के आने का इंतजार करने लगी जिन्होने उसे कहा था की वो उसे लेने आ जायेंगे। लेकिन एक घंटा स्टेशन पर इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया तो उसने सोचा क्या पता उसके चाचा स्टेशन के बाहर उसका इंतजार कर रहे हो।
जब वो स्टेशन से बाहर निकली तो रात के 12.30 बज चुके थे और बाहर बिल्कुल शांति छाई हुई थी। वो स्‍टेशन के बाहर खडी हो गई और रोड के दोनो तरफ देखने लगी लेकिन वहा कोई नहीं था सिर्फ कुछ लफंगे लडको के जो वहा खडे सिगरेट पी रहे थे। जैसे ही उन्होने एक अकेली लडकी को स्टेशन पर खडे देखा तो वो उसके पीछे आकर खडे हो गये और गंदे गंदे इंशारे करने लगे। गीता का दिल अब जोर जोर से धडका रहा था और उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे। उसके पास उसके चाचा के घर का पता था तो उसने सोचा खुद ही टेक्सी करके चली जाती हूँ लेकिन वहा उसे कोई टैक्सी नजर नहीं आई। वो उन लफंगो से बचने और टैक्सी देखने के लिए रोड पर चलने लगी तो वो लडके भी उसके पीछे चलने लगे।
फिर वो रोड की साईड में एक पान की दुकान के पास आकर खडी हो गई और टैक्सी का इंतजार करने लगी। वो बडी बेसर्बी से रोड के दोनो तरफ देखती की शायद कोई टैक्सी आ जाये लेकिन लेकिन सब बेकार। तभी वो लडके उसके पीछे पीछे पान की दुकान तक आ गये और अपने शरीर को उसके शरीर से रगडते हुए उसके पास से गुजर गये और पान की दुकान पर जाकर बैठ गये। तभी एक कार उसके सामने आकर रूकी और खिडकी से एक आदमी ने अपनी गर्दन बाहर निकली और गीता को सिर से पैर तक गौर से देखा और उससे बोला.
”चल आ बैठ जा, कितना लेगी एक रात का”
गीता ”जी में वो”
आदमी ”बोल जल्दी”
अब आदमी कार से बाहर निकला और गीता के सामने आकर खडा हो गया और उसको चारो तरफ से घूमकर देखकर बोला ”क्या मस्त फिगर है तेरा, और क्या मासूम चेहरा है चल 10,000 रूपये ले लेना” और उसने गीता का हाथ पकड कर कार में बैठाने लगा। गीता ने एक झटके से उससे हाथ छुडाया और रोने लगी। आदमी ”अरे क्यो नखरे कर रही है चल 12,000 ले लेना”.
तभी सामने से एक पुलिस की जीप दिखाई दी और उसे देखते ही कार वाला और बाकी लडके वहा से रफुचकर हो गये। जीप में सिर्फ एक पुलिस वाला था उसने जीप गीता के आगे रोकी और उसके पास आकर बोला ”क्या कर रही है इतनी रात को यहा”
गीता ”जी में टैक्सी का इंतजार कर रही हूँ”
पुलिसवाला ”झुठ बोलती है साली रंडी, धंधा करती है”
गीता और जोर से रोते हुए ”जी नहीं में सच बोल रही हूँ”
पुलिसवाला ”तेरी जैसी बहुत देखी है, चल बेठ गाडी में और चल थाने”
उसने गीता को गर्दन से पकडा और लगभग धक्का देते हुए गाडी में बैठा लिया। गीता गाडी में बैठ गई लेकिन उससे गिडगिडानी लगी ”साहब में कोई धंधा नहीं करती छोड दिजिए मुझे” दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
पुलिसवाला ”वो तो बाद में पता चलेगा”
गाडी एक होटल के आगे रूकी और पुलिसवाले ने गीता को नीचे उतरने का आदेश दिया।
गीता ”आप मुझे यहा क्यों लाये है”
पुलिसवाला ”चुपचाप अंदर चल वरना ऐसी दफा लगाउंगा की जिन्दगी भर जेल में सडती रहेगी”
पुलिसवाला सीधे उसे होटल के एक कमरे में ले गया ओर होटल वाला भी उसे पहले से जानता था इस लिए उसके कमरे में आते ही शराब की बोतल भी वेटर कमरें में दे गया। पुलिसवाले ने बोतल उठाई और आधी खाली कर दी और बाकी गीता के मुह में ठुसने लगा जब गीता ने मना किया तो उसने उसके गाल पर जोर का तमाचा जमाते हुए कहा ”आज रात मुझे खुश कर दे नहीं तो जेल में जिन्दगी भर धंधा करना पडेगा”
गीता समझ गई थी की उसके पास और कोई चारा नहीं है। जैसे ही उसने शराब के दो घूट पीये उसका गला कडवाहट से भर गया ओर वाे जोर जोर से खासने लगी। पुलिसवाला उसकी इस हालत को देखकर हसने लगा और वाकी की बोतल भी उसने खुद ही खाली कर दी फिर वो अपनी वर्दी उतारने लगा और गीता डर के मारे कमरे के एक कौने में जाकर दुबक गई। उसने अपने पुरे कपडे उतार दिये और उसका लंड पहले से ही सख्त हो चुका था लगभग 8 इंच लम्बा था वो गीता के सामने लहराने लगा और उससे बोला ”चल अपना मुह खोल और चूस इसे” इससे पहले गीता ने पहले कभी सैक्स नहीं किया था और ना ही देखा था इसलिए उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे। वो अपनी गीली आंखो से पुलिसवाले को देखने लगी की शायद उसे कोई दया आ जाये लेकिन बदले में उसे सिर्फ गाल पर एक जोरदार थप्पड ही मिला। वो गर्जते हुए बोला ”चूस इसे”
गीता ने चुपचाप अपना मुह खोला और उसने अपना मोटा काला लंड सीधे उसके गले तक उतार दिया। अब वो अपने लंड को उसके मुह के अन्दर बाहर करने लगा। उसका लंड इतना बडा था की सीधे गीता की गले की दिवार से टकरा रहा था और गीता का दम घोट रहा था। गीता उसके लंड से आजाद होने के लिए छटपटाने लगी लेकिन उसने गीता के बाल पकड लिये और जोर जोर से उसके सिर को अंदर बाहर करने लगा। उसका लंड गीता के थूक से पुरी तरह से सन चुका था और पत्थर की तरह सख्त हो चुका था। फिर उसने गीता को बालो से पकड कर उपर उठा लिया दर्द के मारे गीता के मुह से चीख निकल गई। उसने उसकी साडी का पल्लू नीचे गिराया और उसके ब्लाउज के उपर से ही उसके स्तनों को मसलने लगा।

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