मैने मौसी को जब भी देखता तो मुझे उनका सेक्सी फिगर देखकर मन मे गुदगुदी होती थी.उनका सुडोल गोरा बदन बहुत हसीन था.
मेरी मौसी की शादी हुए 4 साल हो गये थे,एक बार उन्होने मुझे अपने यहा रहने को बुलाया था. मैं एक महीने के लिए उनके वाहा रहने गया.
उनका घर बहुत छोटा था, सिर्फ़ दो कमरे थे,एक किचन और दूसरा उनका हॉल.जब मैं उनके यहा रहने गया तो मौसी ने मुझे देखकर मुझे गले लगा लिया. जिससे उनके बूब्स मेरे सीने से दब गये.मुझे भी मज़ा आया उस दिन.मैने भी उन्हे गले लगा लिया और गाल पे किस भी दी.मेरी मौसी घर में ज़्यादातर गाउन ही पहना करती थी.
जिससे जब वो घर का काम करने के किए झुकती तो उनके बूब्स का भूगोल देखकर मेरा 8″ लंबा लंड खड़ा होने लगता. वो मुझसे बहुत प्यार करती थी.एक बार मौसी किसी काम के लिए नीचे झुकी तो मैने देखा कि उन्होने ब्रा पॅंटी नही पहनी हुई थी,तो मुझे उनके बूब्स और चूत दिखाई दी.मेरा ये देखकर बुरा हाल हो गया था,उनकी चूत पर बाल नही थे,मैं तभी बाथरूम में जाकर मूठ मार कर आया,मेरा दिल मौसी को चोदने के लिए मचल रहा था,
लेकिन मेरी हिम्मत ही नही हो रही थी,मैं, मौसी और मौसा एक ही बेड पर सोते है,बेड बड़ा था इसलिए हम तीनो को एक ही बेड पर सोने में कोई दिक्कत नही होती थी,पहले मौसी फिर मौसाजी फिर मैं इस तरह लाइन में सोते थे.
सोने से पहले मौसी मौसा जी और मुझे दूध ज़रूर देती थी, सोते टाइम घर में अंधेरा रहता है कोई किसी की शकल भी नही देख सकता इतना अंधेरा रहता है,एक बार मेरी रात को मेरी आँख खुली तो मुझे महसूस हुआ कि मौसा मौसी की चुदाई कर रहे है.
मैने जब गौर से देखा तो मौसा मौसी के उपर लेटे हुए थे और मौसी नंगी नीचे लेटी हुई थी और मौसा मौसी की चुदाई कर रहा था,मौसी बीच बीच मे आआहह हूउ न नाओउककच उऊन कर रही थी.ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैने अपने लंड को पकड़कर उन्हे देखकर वही मूठ मार ली. दोनो आपस में काफ़ी देर तक चुदाई करते रहे ये देखकर मुझे पता ही नही चला कि मुझे कब नींद आ गयी.
अब मेरा मन और खराब होने लगा मौसी की चुदाई के लिए.अब मैं 4-5 दिन तक रोज़ जल्दी सोने का बहाना करके लेट जाता था और मौसी की चुदाई देखा करता था.
एक बार मैने देखा कि मौसी नंगी आँख बंद करके लेटी हुई थी और मौसा उनकी चूत में अपना मूह डालकर चूस रहे है.
मुझसे रहा नही गया मैने अपना एक हाथ बढ़ाकर मौसी की एक चूची पर रख दिया,मौसी को कुछ पता नही चला कि किसका हाथ है.मुझमे और हिम्मत आई तो मैं ज़ोर ज़ोर से मौसी की चूची को दबाने लगा. मौसी की चुचि इतनी बड़ी थी कि मेरे हाथ में ही नही आ रही थी.मौसी भी मज़े से अपनी चुचि डबवा रही थी.और मैं दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़कर मूठ मार रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया तो मैने मौसी की चुचि से हाथ हटा लिए और सो गया.इन दोनो की चुदाई में मैने ध्यान दिया कि दोनो में से कोई बात नही करता था, फिर सॅटर्डे आया.सनडे को मौसा की छुट्टी होती है तो वो सॅटर्डे नाइट को मौसी को जमकर चोदते है.इसलिए शायद मौसी भी थोड़ी ज़्यादा तैयारी रखती होगी. अब मुझसे रहा नही गया तो मैं मेडिसियाल स्टोर गया और वाहा से नींद की गोली ये कहकर ले आया कि मेरे डॅड को 3 दिन से नींद नही आ रही है उनके लिए कोई नींद की गोली दीजिए,
उन्होने बताया की 2 गोली काफ़ी होगी लेकिन मैं 4 गोली ले आया.अब मैं रात का इंतेज़ार करने लगा.रात को मौसी ने मुझे किचन में बुलाया और दूध देकर कहा कि ले अपने मौसा को दे आ.मैने उनकी नज़र बचा कर नींद की 4 गोली मौसा के दूध में मिला दी.
फिर मैने दूध मौसा को दिया तो मौसा ने पी लिया.आज रात मौसी ने नाइटी पहेनी हुई थी,फिर वो दोनो लेट गये और मैं भी लाइट ऑफ करके लेट गया 1 घंटे बाद मैने मुसा को हल्के से हिलाकर देखा तो उनपर नींद की गोली का असर हो गया था, वो सो गये थे मैने उन्हे अपनी जगह सरका दिया और उनकी जगह मैं आकर लेट गया,मौसी का मूह दूसरी तरफ था तो उन्हे पता नही चला,
अब मैने पहले अपने सारे कपड़े उतार दिए और मौसी की कमर पर अपना हाथ रखा मुझे लगा कि मौसी सो गयी है,लेकिन वो जागी हुई थी,अब मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रखा और उन्हे नाइटी के उपर से दबाने लगा,और उनसे चिपक कर लेट गया जिससे मेरा लंड मौसी की गांद को टच कर रहा था, और मैने अपनी एक टाँग मौसी के पैरो के बीच में डाल दी, और अपने पैर से मौसीक़ी चूत को रगड़ रहा था,मौसी थोड़ी देर बाद हॉट होने लगी थी,थोड़ी देर बाद मौसी ने अपना मूह मेरी तरफ किया तो मैने उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए,
आह क्या टेस्ट था उनके लिप्स का मैं तो पागल हो गया,अब मैं अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डालकर मौसी की चुचि दबाने लगा.मौसी ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और दबाने लगी.
मेरी मौसी की शादी हुए 4 साल हो गये थे,एक बार उन्होने मुझे अपने यहा रहने को बुलाया था. मैं एक महीने के लिए उनके वाहा रहने गया.
उनका घर बहुत छोटा था, सिर्फ़ दो कमरे थे,एक किचन और दूसरा उनका हॉल.जब मैं उनके यहा रहने गया तो मौसी ने मुझे देखकर मुझे गले लगा लिया. जिससे उनके बूब्स मेरे सीने से दब गये.मुझे भी मज़ा आया उस दिन.मैने भी उन्हे गले लगा लिया और गाल पे किस भी दी.मेरी मौसी घर में ज़्यादातर गाउन ही पहना करती थी.
जिससे जब वो घर का काम करने के किए झुकती तो उनके बूब्स का भूगोल देखकर मेरा 8″ लंबा लंड खड़ा होने लगता. वो मुझसे बहुत प्यार करती थी.एक बार मौसी किसी काम के लिए नीचे झुकी तो मैने देखा कि उन्होने ब्रा पॅंटी नही पहनी हुई थी,तो मुझे उनके बूब्स और चूत दिखाई दी.मेरा ये देखकर बुरा हाल हो गया था,उनकी चूत पर बाल नही थे,मैं तभी बाथरूम में जाकर मूठ मार कर आया,मेरा दिल मौसी को चोदने के लिए मचल रहा था,
लेकिन मेरी हिम्मत ही नही हो रही थी,मैं, मौसी और मौसा एक ही बेड पर सोते है,बेड बड़ा था इसलिए हम तीनो को एक ही बेड पर सोने में कोई दिक्कत नही होती थी,पहले मौसी फिर मौसाजी फिर मैं इस तरह लाइन में सोते थे.
सोने से पहले मौसी मौसा जी और मुझे दूध ज़रूर देती थी, सोते टाइम घर में अंधेरा रहता है कोई किसी की शकल भी नही देख सकता इतना अंधेरा रहता है,एक बार मेरी रात को मेरी आँख खुली तो मुझे महसूस हुआ कि मौसा मौसी की चुदाई कर रहे है.
मैने जब गौर से देखा तो मौसा मौसी के उपर लेटे हुए थे और मौसी नंगी नीचे लेटी हुई थी और मौसा मौसी की चुदाई कर रहा था,मौसी बीच बीच मे आआहह हूउ न नाओउककच उऊन कर रही थी.ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैने अपने लंड को पकड़कर उन्हे देखकर वही मूठ मार ली. दोनो आपस में काफ़ी देर तक चुदाई करते रहे ये देखकर मुझे पता ही नही चला कि मुझे कब नींद आ गयी.
अब मेरा मन और खराब होने लगा मौसी की चुदाई के लिए.अब मैं 4-5 दिन तक रोज़ जल्दी सोने का बहाना करके लेट जाता था और मौसी की चुदाई देखा करता था.
एक बार मैने देखा कि मौसी नंगी आँख बंद करके लेटी हुई थी और मौसा उनकी चूत में अपना मूह डालकर चूस रहे है.
मुझसे रहा नही गया मैने अपना एक हाथ बढ़ाकर मौसी की एक चूची पर रख दिया,मौसी को कुछ पता नही चला कि किसका हाथ है.मुझमे और हिम्मत आई तो मैं ज़ोर ज़ोर से मौसी की चूची को दबाने लगा. मौसी की चुचि इतनी बड़ी थी कि मेरे हाथ में ही नही आ रही थी.मौसी भी मज़े से अपनी चुचि डबवा रही थी.और मैं दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़कर मूठ मार रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया तो मैने मौसी की चुचि से हाथ हटा लिए और सो गया.इन दोनो की चुदाई में मैने ध्यान दिया कि दोनो में से कोई बात नही करता था, फिर सॅटर्डे आया.सनडे को मौसा की छुट्टी होती है तो वो सॅटर्डे नाइट को मौसी को जमकर चोदते है.इसलिए शायद मौसी भी थोड़ी ज़्यादा तैयारी रखती होगी. अब मुझसे रहा नही गया तो मैं मेडिसियाल स्टोर गया और वाहा से नींद की गोली ये कहकर ले आया कि मेरे डॅड को 3 दिन से नींद नही आ रही है उनके लिए कोई नींद की गोली दीजिए,
उन्होने बताया की 2 गोली काफ़ी होगी लेकिन मैं 4 गोली ले आया.अब मैं रात का इंतेज़ार करने लगा.रात को मौसी ने मुझे किचन में बुलाया और दूध देकर कहा कि ले अपने मौसा को दे आ.मैने उनकी नज़र बचा कर नींद की 4 गोली मौसा के दूध में मिला दी.
फिर मैने दूध मौसा को दिया तो मौसा ने पी लिया.आज रात मौसी ने नाइटी पहेनी हुई थी,फिर वो दोनो लेट गये और मैं भी लाइट ऑफ करके लेट गया 1 घंटे बाद मैने मुसा को हल्के से हिलाकर देखा तो उनपर नींद की गोली का असर हो गया था, वो सो गये थे मैने उन्हे अपनी जगह सरका दिया और उनकी जगह मैं आकर लेट गया,मौसी का मूह दूसरी तरफ था तो उन्हे पता नही चला,
अब मैने पहले अपने सारे कपड़े उतार दिए और मौसी की कमर पर अपना हाथ रखा मुझे लगा कि मौसी सो गयी है,लेकिन वो जागी हुई थी,अब मैने अपना हाथ उनके बूब्स पर रखा और उन्हे नाइटी के उपर से दबाने लगा,और उनसे चिपक कर लेट गया जिससे मेरा लंड मौसी की गांद को टच कर रहा था, और मैने अपनी एक टाँग मौसी के पैरो के बीच में डाल दी, और अपने पैर से मौसीक़ी चूत को रगड़ रहा था,मौसी थोड़ी देर बाद हॉट होने लगी थी,थोड़ी देर बाद मौसी ने अपना मूह मेरी तरफ किया तो मैने उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए,
आह क्या टेस्ट था उनके लिप्स का मैं तो पागल हो गया,अब मैं अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डालकर मौसी की चुचि दबाने लगा.मौसी ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और दबाने लगी.
मौसी ने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी,मैने मौसी की नाइटी उतार दी और उनके उपर लेट गया और अपने बदन से उनका बदन रगड़ने लगा जिससे उनकी चुचिया मेरे सीने से रगड़ रही थी और मेरा लंड उनकी पॅंटी के उपर से उनकी चूत पर रगड़ रहा था,मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,अब मैं उनके होंठों पर किस करता हुआ उनके गाल पर किस करने लगा फिर उनके गले पर मम्मूऊऊऊः मौसी को बहुत मज़े आ रहे थे.मौसी धीमी आवाज़ में कहने लगी कि आज क्या हुआ है तुम्हे आज तो बहुत अच्छी तरह से कर रहे हो.
मैं कुछ नही बोला.मैं अपने काम में लगा रहा.फिर मैं किस करता हुआ उनकी चुचियो की दरार पर आ गया मैने उनकीचुचियो की दरार पर हल्का सा बाइट किया तो मौसी पूरी तरह हिल गयी,फिर मैं उनकी राइट वाली चुचि को मूह में लेकर चूसने लगा और लेफ्ट वाली चुचि को हाथ से दबाने लगा.
मेरी मौसी पागल होती जा रही थी,मैने उनके निपल पर बाइट कर दिया तो वो धीरे से कहने लगी की आआहह आअराअम सस्स्सीए कारूव ततटुउंमहारी लीईइयीई हहिईीईईईई टीट्ट्ट हाआऐ.मैने उनकी लेफ्ट चुचि को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,,,,तो मुझे कहने लगी कि अराआम सी जाआलान हूऊओने लाआआअगी है,फिर मैने मौसी के पेट पर किस किया फिर उनकी नेवेल पर.
मैं उनकी नेवेल में अपनी जीभ से अंदर बाहर करने लगा तो उन्होने मेरे बॉल पकड़ लिए और मेरा मूह अपनी नेवेल में दबाने लगी.
उन्हे डर था की पास में लेटा हुआ मैं यानी “कुश” जाग ना जाउ कही उनकी चुदाई से इसलिए ज़्यादा आवाज़े नही कर रही थी.फिर मैं मौसी की चूत की तरफ अपना मूह लाकर उनकी जाँघ पर पागलो की तरह किस करने लगा.हम 69 की पोज़िशन में हो गये थे.
फिर मैं अपनी मौसी की प्यारी चूत जो अभी तक पॅंटी में क़ैद थी उस पर अपना हाथ रख दिया,मुझे मौसी की पॅंटी गीली महसूस हुई तो मैने सूंघ कर देखा तो बड़ी मादक खुसबू आ रही थी उनकी पॅंटी से तो मैं अपनी जीभ से उनकी पॅंटी को चाटने लगा चूत के उपर से ही.
दूसरी तरफ मौसी मेरे लंड के चारो तरफ़ से अपनी जीभ से चाट रही थी,कभी मेरे टट्टो को भी चाट रही थी दबा रही थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था फिर उन्होने मेरे लंड की टोपी को अपने मूह में रख कर अंदर बाहर कर रही थी,
मुझसे रहा नही गया तो मैने एक हल्का सा झटका मारा तो मेरा 4″इंच लंड उनके मूह में चला गया,इस हमले से मेर प्यारी मौसी के आँख से आँसू निकलने लगे लेकिन उन्होने मेरा लंड बाहर नही निकाला बल्कि और चूस रही थी.इधर मैं मौसी की पॅंटी निकालने लगा तो मौसी ने अपनी गांद उठाकर मेरी हेल्प की पॅंटी निकालने में,अब मौसी की वो चूत मेरे सामने थी जो मुझे रोज़ परेशान करे रखती थी,
अब मैं अपनी ज़ुबान को मौसी की चूत पर फिरा रहा था,उपर से नीचे और नीचे से उपर की तरफ.मेरी मौसी का बुरा हाल था.फिर मैने अपने हाथ की दो उंगली से मौसी की चूत को खोला और उसमे अपनी जीभ डाल दी और जीभ से फक करने लगा, मेरी प्यारी मौसी पागलो की तरह अपनी गांद को उपर नीचे करने लगी. फिर मैं अपनी 3 उंगली से उनकी चूत से फक करने लगा.इसी दौरान मेरी मौसी 2 बार झाड़ चुकी थी और मैं उनका रस पी गया था मैने फिर अपनी 1 उंगली उनकी चूत की रस से भिगोकर उनकी गांद के छेद पर रख दी उनके उपर नीचे होने की वजह से मेरी उंगली उनकी गांद में अंदर बाहर होने लगी.
उधर मेरे लंड का भी बुरा हाल था,मौसी ने चूस चूस्कर मेरे लंड का पानी निकाल दिया था.मौसी फिर से मेरे लंड को खड़ा करने के लिए उसे चूस रही थी कयौकी उन्हे अपनी चूत की भी सेवा करवानी थी.15-20 मिनट. बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैं मौसी की चूत छ्चोड़कर उनके मूह के पास आ गया,
मौसी मेरा चेहरा पकड़ कर मेरा कान अपने मूह के पास लाकर बोली की जान आज सेक्स करने में बहुत मज़ा आ रहा है
आज कहा से सीखकर आए हो.मैने उनके होंठों पर अपनी उंगली रखकर उन्हे चुप करा दिया,कयौकी मैं भी भी कुछ नही बोल रहा था.
तो वो फिर कुछ नही बोली.अब मैने अपने होंठ प्यारी मौसी के होंठों पर रख दिए उन्होने अपना मूह खोला और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी.मैं उनकी जीभ को अपने होंठो से पकड़कर अपनी जीभ से चूसने लगा,बड़ी टेस्टी थी मेरी प्यारी मौसी की जीभ अयाया मेरे से रहा नही गया तो मैने उनकी दोनो चुचियो को अपने हाथो में लेकर ज़ोर दे दबा दी,
उनके मूह से चीख निकलती निकलती रह गयी.कयौकी उनके मूह को मेरे मूह ने बंद किया हुआ था.मेरा लंड मौसी की चूत पर दस्तक दे रहा था. मौसी से रहा नही गया वो मेरे कान में बोली कि जान आब सस्साहाआ नाआहियिइ राआआहीए हूऊऊ.मैने मौसी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
मौसी ने अपनी टाँगो को फैलाकर मेरा लंड अपनी चूत के द्वार पर रख दिया. लेकिन मैं मौसी को और तड़पाना चाहता था इसलिए लंड अंदर नही डाला.5 मिनट. बाद मौसी फिर से मेरे कान में बोली अब डाअल भीईीई दूओ क्यू ताडपा राआहए हूओ.इतनाअ सुनना था कि मैने एक जोरदार झटका मारातो मेरा लंड पूरा का पूरा मौसी की चूत में चला गया.
मौसी के हलक से एक हल्की सी चीख निकली तो मैने अपना हाथ मौसी के मूह पर रख दिया मौसी की चूत मुझे थोड़ी टाइट लगी शायद मौसा का लंड मेरे से थोड़ा छ्होटा और पतला होगा.
मौसी ने मेरा हाथ हटाया और बोली आज तुम्हे क्या हो गया है मुझे मार ही डालोगे क्या.आपका लंड भी थोड़ा बड़ा बड़ा लग राआाहा हााआ क्या बाआआत है कूऊवई दवाई ली है क्या आआआज.मैने उनके होठों पर अपने होंठ रखकर फिर से चुप करवा दिया. देखा दोस्तो आपने ये भाई तो बड़ा हरामी है साले ने मौसा का पत्ता साफ करके मौसी को ही चोद दिया दोस्तो आपके साथ मैं भी देखता हू ये क्या क्या गुल खिलता है ………….
मैं मौसी की चूत में जोरदार लंड डालता गया.और मौसी धीरे से बोलती जा रही थी कि उमाआ म्माअररर ग्ग्ग्गाय्य्यीई आआहह मेरी कचछत्त्त्तत्त प्प्प्प्प्पफ़ात्ट गगायययययीी.आआअरर्र्र्ररर ज्ज्ज्जूऊर सस्स्स्सीए जाआआन फ़ाआद द्डूऊ आआआआज मेर्र्र्ररी चुउउउत.
मौसी शायद भूल गयी थी कि घर में उसका भांजा भी सो रहा है,लेकिन मौसी को क्या पता कि भांजा ही चुदाई कर रहा है उनका. मौसा तो नींद की गोली लेकर सोया हुआ है.मौसी नीचे से उच्छल उच्छल कर मुझसे चुदवा रही थी,इस दौरान मौसी 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी झड़ने नही वाला था.
मैने मौसी की 25 मिनट.तक लगातार जोरदार चुदाई कर रहा था.अब मैं थकने लगा था तो मैने मौसी को पकड़कर अपने उपर बिठा लिया और मैं नीचे लेट गया.
मौसी समझ गयी थी कि मैं क्या चाहता हू वो मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर सेट करके एक दम से मेरे लंड पर बैठ गयी. और अपना मूह मेरे मूह केपास लाकर मुझे किस करने लगी.और धीरे से बोली कि इतना मज़ा तो सुहागरात को भी नही आया था जान.जितना मज़ा आज आप तुम दे रहे हो.
मैं कुछ नही बोला.मैं अपने काम में लगा रहा.फिर मैं किस करता हुआ उनकी चुचियो की दरार पर आ गया मैने उनकीचुचियो की दरार पर हल्का सा बाइट किया तो मौसी पूरी तरह हिल गयी,फिर मैं उनकी राइट वाली चुचि को मूह में लेकर चूसने लगा और लेफ्ट वाली चुचि को हाथ से दबाने लगा.
मेरी मौसी पागल होती जा रही थी,मैने उनके निपल पर बाइट कर दिया तो वो धीरे से कहने लगी की आआहह आअराअम सस्स्सीए कारूव ततटुउंमहारी लीईइयीई हहिईीईईईई टीट्ट्ट हाआऐ.मैने उनकी लेफ्ट चुचि को रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया था,,,,तो मुझे कहने लगी कि अराआम सी जाआलान हूऊओने लाआआअगी है,फिर मैने मौसी के पेट पर किस किया फिर उनकी नेवेल पर.
मैं उनकी नेवेल में अपनी जीभ से अंदर बाहर करने लगा तो उन्होने मेरे बॉल पकड़ लिए और मेरा मूह अपनी नेवेल में दबाने लगी.
उन्हे डर था की पास में लेटा हुआ मैं यानी “कुश” जाग ना जाउ कही उनकी चुदाई से इसलिए ज़्यादा आवाज़े नही कर रही थी.फिर मैं मौसी की चूत की तरफ अपना मूह लाकर उनकी जाँघ पर पागलो की तरह किस करने लगा.हम 69 की पोज़िशन में हो गये थे.
फिर मैं अपनी मौसी की प्यारी चूत जो अभी तक पॅंटी में क़ैद थी उस पर अपना हाथ रख दिया,मुझे मौसी की पॅंटी गीली महसूस हुई तो मैने सूंघ कर देखा तो बड़ी मादक खुसबू आ रही थी उनकी पॅंटी से तो मैं अपनी जीभ से उनकी पॅंटी को चाटने लगा चूत के उपर से ही.
दूसरी तरफ मौसी मेरे लंड के चारो तरफ़ से अपनी जीभ से चाट रही थी,कभी मेरे टट्टो को भी चाट रही थी दबा रही थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था फिर उन्होने मेरे लंड की टोपी को अपने मूह में रख कर अंदर बाहर कर रही थी,
मुझसे रहा नही गया तो मैने एक हल्का सा झटका मारा तो मेरा 4″इंच लंड उनके मूह में चला गया,इस हमले से मेर प्यारी मौसी के आँख से आँसू निकलने लगे लेकिन उन्होने मेरा लंड बाहर नही निकाला बल्कि और चूस रही थी.इधर मैं मौसी की पॅंटी निकालने लगा तो मौसी ने अपनी गांद उठाकर मेरी हेल्प की पॅंटी निकालने में,अब मौसी की वो चूत मेरे सामने थी जो मुझे रोज़ परेशान करे रखती थी,
अब मैं अपनी ज़ुबान को मौसी की चूत पर फिरा रहा था,उपर से नीचे और नीचे से उपर की तरफ.मेरी मौसी का बुरा हाल था.फिर मैने अपने हाथ की दो उंगली से मौसी की चूत को खोला और उसमे अपनी जीभ डाल दी और जीभ से फक करने लगा, मेरी प्यारी मौसी पागलो की तरह अपनी गांद को उपर नीचे करने लगी. फिर मैं अपनी 3 उंगली से उनकी चूत से फक करने लगा.इसी दौरान मेरी मौसी 2 बार झाड़ चुकी थी और मैं उनका रस पी गया था मैने फिर अपनी 1 उंगली उनकी चूत की रस से भिगोकर उनकी गांद के छेद पर रख दी उनके उपर नीचे होने की वजह से मेरी उंगली उनकी गांद में अंदर बाहर होने लगी.
उधर मेरे लंड का भी बुरा हाल था,मौसी ने चूस चूस्कर मेरे लंड का पानी निकाल दिया था.मौसी फिर से मेरे लंड को खड़ा करने के लिए उसे चूस रही थी कयौकी उन्हे अपनी चूत की भी सेवा करवानी थी.15-20 मिनट. बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैं मौसी की चूत छ्चोड़कर उनके मूह के पास आ गया,
मौसी मेरा चेहरा पकड़ कर मेरा कान अपने मूह के पास लाकर बोली की जान आज सेक्स करने में बहुत मज़ा आ रहा है
आज कहा से सीखकर आए हो.मैने उनके होंठों पर अपनी उंगली रखकर उन्हे चुप करा दिया,कयौकी मैं भी भी कुछ नही बोल रहा था.
तो वो फिर कुछ नही बोली.अब मैने अपने होंठ प्यारी मौसी के होंठों पर रख दिए उन्होने अपना मूह खोला और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी.मैं उनकी जीभ को अपने होंठो से पकड़कर अपनी जीभ से चूसने लगा,बड़ी टेस्टी थी मेरी प्यारी मौसी की जीभ अयाया मेरे से रहा नही गया तो मैने उनकी दोनो चुचियो को अपने हाथो में लेकर ज़ोर दे दबा दी,
उनके मूह से चीख निकलती निकलती रह गयी.कयौकी उनके मूह को मेरे मूह ने बंद किया हुआ था.मेरा लंड मौसी की चूत पर दस्तक दे रहा था. मौसी से रहा नही गया वो मेरे कान में बोली कि जान आब सस्साहाआ नाआहियिइ राआआहीए हूऊऊ.मैने मौसी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
मौसी ने अपनी टाँगो को फैलाकर मेरा लंड अपनी चूत के द्वार पर रख दिया. लेकिन मैं मौसी को और तड़पाना चाहता था इसलिए लंड अंदर नही डाला.5 मिनट. बाद मौसी फिर से मेरे कान में बोली अब डाअल भीईीई दूओ क्यू ताडपा राआहए हूओ.इतनाअ सुनना था कि मैने एक जोरदार झटका मारातो मेरा लंड पूरा का पूरा मौसी की चूत में चला गया.
मौसी के हलक से एक हल्की सी चीख निकली तो मैने अपना हाथ मौसी के मूह पर रख दिया मौसी की चूत मुझे थोड़ी टाइट लगी शायद मौसा का लंड मेरे से थोड़ा छ्होटा और पतला होगा.
मौसी ने मेरा हाथ हटाया और बोली आज तुम्हे क्या हो गया है मुझे मार ही डालोगे क्या.आपका लंड भी थोड़ा बड़ा बड़ा लग राआाहा हााआ क्या बाआआत है कूऊवई दवाई ली है क्या आआआज.मैने उनके होठों पर अपने होंठ रखकर फिर से चुप करवा दिया. देखा दोस्तो आपने ये भाई तो बड़ा हरामी है साले ने मौसा का पत्ता साफ करके मौसी को ही चोद दिया दोस्तो आपके साथ मैं भी देखता हू ये क्या क्या गुल खिलता है ………….
मैं मौसी की चूत में जोरदार लंड डालता गया.और मौसी धीरे से बोलती जा रही थी कि उमाआ म्माअररर ग्ग्ग्गाय्य्यीई आआहह मेरी कचछत्त्त्तत्त प्प्प्प्प्पफ़ात्ट गगायययययीी.आआअरर्र्र्ररर ज्ज्ज्जूऊर सस्स्स्सीए जाआआन फ़ाआद द्डूऊ आआआआज मेर्र्र्ररी चुउउउत.
मौसी शायद भूल गयी थी कि घर में उसका भांजा भी सो रहा है,लेकिन मौसी को क्या पता कि भांजा ही चुदाई कर रहा है उनका. मौसा तो नींद की गोली लेकर सोया हुआ है.मौसी नीचे से उच्छल उच्छल कर मुझसे चुदवा रही थी,इस दौरान मौसी 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी झड़ने नही वाला था.
मैने मौसी की 25 मिनट.तक लगातार जोरदार चुदाई कर रहा था.अब मैं थकने लगा था तो मैने मौसी को पकड़कर अपने उपर बिठा लिया और मैं नीचे लेट गया.
मौसी समझ गयी थी कि मैं क्या चाहता हू वो मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर सेट करके एक दम से मेरे लंड पर बैठ गयी. और अपना मूह मेरे मूह केपास लाकर मुझे किस करने लगी.और धीरे से बोली कि इतना मज़ा तो सुहागरात को भी नही आया था जान.जितना मज़ा आज आप तुम दे रहे हो.
मौसी जानती थी कि मौसा जी सेक्स करते हुए बोलते नही थे इसलिए उन्हे कोई शक भी नही हो रहा था.मैने मौसी की गांद के नीचे हाथ रखा और उसे उपर नीचे करने लगा जिससे मौसी को इशारा मिल जाए कि मैं क्या चाहता हू.मौसी मेरे लंड पर उपर नीचे होकर चुदाई रही थी .ऐसा लग रहा था कि. मैं मौसी को नही मौसि मुझे चोद रही हो. ऐसे हिलते हुए मौसी की चुचिया बड़ी मस्त लग रही थी.
मैने हाथ बढ़कर मौसी की चुचियो को पकड़ लिया और मौसी को अपनी तरफ खीचा जिससे मैने मौसी को अपने से चिपका लिया और मौसी मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी मैने मौसी की एक चुचि को मूह लेकर चूसने लगा तो मौसी अपनी दूसरी चुचि खुद ही दबाने लगी.ऐसे करते हुए मौसी एक बार और झड़ी. मौसी का पानी मेरे लंड पर आ रहा था मैने अपना हाथ अपने लंड के पास लाकर मौसी की चूत के पानी को च्छुआ तो मेरा हाथ पूरा गीला हो गया.
मैं फिर उस हाथ को अपने मूह के पास लाकर चाटने लगा.मुझे अच्छा लग रहा था. मैने फिर से चूत के पास हाथ रखा तो फिर गीला हो गया इस बार मैने मौसी के मूह के पास उन्ही की चूत का पानी लगा हुआ हाथ ले गया.
पहले तो वो अपना मूह इधर उधर करती रही.फिर मैने उनके बाल पकड़कर अपना हाथ उनके मूह में दे दिया.जिसे उन्होने चाट लिया.मेरी अब थकान मिट चुकी थी.मैने मौसी को नीचे लिटाया और उनकी टाँगो को बेड की साइड में उतार दिया और मैं उनकी टाँगो के पास जाकर खड़ा हो गया.
मैने उनकी गांद के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उनकी चूत और उभर गयी.मैने मौसी की एक टाँग अपने कंधे पर रखी जिससे मौसी की चूत और खुल गयी थी.
मैने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा मौसी ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रखा और मेरा लंड दबा दिया. मैं समझ गया.मैने एक झटका मारा तो मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया.फिर मैं धीरे धीरे मौसी की चुदाई कर रहा था तो मौसी बोली की जाआअन ज़ूर्र्रर सीए करो नाआहीी.मैं फिर ज़ोर से धक्के लगाने लगा मौसी भी अपनी कमर उठा उठाकर मुझसे चुदवा रही थी.
मौसी की चूत ने फिर से पानी छ्चोड़ दिया.मैने ये महसूस किया तो मैने दो उंगली चूत के पानी से भीगोकर मौसी की गांद पर रख दी.जिससे उनके हिलने से उंगलिया अंदर बाहर होने लगी.मौसी ने शायद कभी गांद नही मरवाई होगी. इसलिए वो बार बार मेरी उंगली को हटा देती थी.45 मिनट. के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने मौसी की चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी.मेरे साथ साथ मौसी भी एक बार एक झाड़ गयी मौसी बोली इस चुदाई में मैं कम से कम 6 बार झड़ी होगी.
मैं अपना लंड चूत में डाले हुए मौसी पर गिर गया.मौसी मुझे चूमने लगी और कहने लगी जान जैसा आज चोदा है वैसे रोज़ क्यो नही चोद्ते हो.तब मैं किस करता हुआ बोला मेरी प्यारी मौसी डार्लिंग आज से पहले तुमने मुझे मौका दिया ही कहा था.ये सुनना था कि मौसी एक दम चौक गयी और बोली तेरे मौसा जी कहा है.
मैने कहा मौसी वो तो सो रहे है इतनी देर से मैं ही आपकी चुदाई कर रहा था मौसी जान.मौसी मुझे अपने से अलग करने लगी. लेकिन मैने मौसी को छ्चोड़ा नही.मैने कहा आप बहुत नमकीन हो मौसी,दिल करता है कि आपको चोद्ता ही रहू. ये कहते हुए मैं फिर से मौसी की चूत में उंगली करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.
मौसी को भी मेरी चुदाई अच्छी लगी थी इसलिए मान गयी. और कहने लगी कि चल बदमाश कैसे हो गया ये सब?? तभी मैं कहु की आज तेरे मौसा को क्या हो गया है जो इतनी देर से चोद रहे है मुझे.बहुत मज़े दिए तूने आज कुश.मैने सब बता दिया मौसी को कैसे हुए ये सब.
रात को मौसी की चुदाई करने के बाद मौसी और मैं दोनो नंगे लिपट कर ही सो गये थे.सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैं मौसी की मस्त भरी जवानी देख रहा था.मैं बाथरूम गया और वापस आकर मैं मौसी की टांगे फैला कर अपना लंड मौसी की चूत के उपर रखकर एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया और मौसी इस धक्के से जाग गयी.
मौसी ने मुझे अपने उपर देखा तो कहने लगी कि दिल नही भरा क्या कल रात की चुदाई करके.
मैने कहा मौसी तुम हो ही इतनी मस्त माल की दिल ही नही भरता तुम्हारी चुदाई करके.
मुझे मालूम था की मौसा जी सुबह लेट ही उठेंगे कयौकी मैने 4 नींद की गोली जो दी थी,इसलिए मुझे कोई डर नही था.
मैने मौसी को फिर से चुदाई की. मौसी बहुत खुश नज़र आ रही थी.चुदाई करने के बाद मैं फिर से सो गया.
सुबह मेरी लेट आँख खुली तो मैने देखा कि मौसी जी किचन में ब्रेकफास्ट बना रही थी,मौसा जी भी आज लेट उठे थे.मैने दोनो को गुडमॉर्निंग कहा तो दोनो ने भी मुझे गुडमॉर्निंग कहा.मैं फ्रेश होकर तैयार होकर आया.
और हम तीनो साथ में बैठकर ब्रेकफ़ास्ट करने लगे और बाते भी करने लगे.दिन के टाइम जब भी मौसा जी का ध्यान इधर उधर होता तो मैं मौसी की चुचिया दबा देता या उनकी चूत को मसल देता.
आज मौसी ने गाउन के नीचे ब्रा पॅंटी भी नही पहनी हुई थी तो इसलिए जब वो चलती तो उनकी चुचिया उपर नीचे होती तो बहुत अच्छी लगती ,दिल करता कि मौसा के सामने ही मौसी की चुदाई कर दू.
ऐसे ही पूरा दिन बीत गया और रात हो गयी.रात को सोते टाइम मैं पहले जाकर सो गया क्यौकि मैं मौसा और मौसी की चुदाई का जल्दी से आनंद लेना चाहता था.12 बजे के बाद मौसा मौसी की चुदाई करते रहे और मैं उन्हे देखकर मूठ मार कर सो गया.
अगले दिन जब मैं उठा तो मौसा जी घर पर नही थे और मौसी जी किचन में थी.मैने गुडमॉर्निंग कहा और मौसा जी के बारे में पूछा तो मौसी ने कहा की आज उन्हे ऑफीस जल्दी जाना पड़ा.
ये सुनकर मेरा 8″ का लंड खड़ा हो गया.मैंन अंडरवेर पहना हुआ ही मौसी के पीछे गया और पीछे से ही उनके बूब्स पकड़कर दबाने लगा.
मौसी बोली कि कुश जान आज तो पूरा दिन पड़ा है अभी तू क्यो बेचैन हो रहा है.मैने कहा कि मौसी जान अब सब्र नही होता तुम तो मौसा से रात को चुदवा ली हो लेकिन मेरा बुरा हाल हो रहा है.
मैने उनके कान के नीचे चूमा और कान में कहा कि मौसी अपनी जवानी का स्वाद पहले क्यो नही चखाया मुझे. मौसी कुछ ना बोली.मौसी कुछ समान लेने के लिए नीचे झुकी तो मैने मौसी का गाउन नीचे से उठा दिया,
जिससे उनकी गांद नंगी हो गयी.मौसी ने आज भी पॅंटी नही पहनी थी,मुझे पीछे से मौसी की चूत दिखाई दी तो मैने अपना लंड बाहर निकालकर मौसी की चूत पर रगड़ा.मौसी के मूह से आआहह निकल पड़ा और बोली कि यही चुदाई करेगा क्या.
मैने कहा कि तुम अपना काम करो मुझे अपना करने दो,मैने मौसी का गाउन उतार दिया तो उन्होने ब्रा पहना हुआ था मैने मौसी के ब्रा के हुक खोले और मौसी की चुचिया पकड़कर दबाने लगा और मैने मौसी की टांगे थोड़ी सी फैलाई और अपना खड़ा लंड मौसी की चूत पर रखकर और एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया.
मैं मौसी की चुचियो को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था.मौसी मुहसे आआआहाआ उः कह रही थी.और बोली कि कुश डार्लिंग आउउर जजूर्र्र सस्स्ससी डाल आपना लुउन्ड मीरीईइ चुट्त म्मीईईइन. फ़फफाड़ डाल मेरि कककछूट बाहहुउट पारीशान कारतती हाआइ.मौसी 2 बार झाड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी झड़ने के मूड में नही था.
मैने हाथ बढ़कर मौसी की चुचियो को पकड़ लिया और मौसी को अपनी तरफ खीचा जिससे मैने मौसी को अपने से चिपका लिया और मौसी मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी मैने मौसी की एक चुचि को मूह लेकर चूसने लगा तो मौसी अपनी दूसरी चुचि खुद ही दबाने लगी.ऐसे करते हुए मौसी एक बार और झड़ी. मौसी का पानी मेरे लंड पर आ रहा था मैने अपना हाथ अपने लंड के पास लाकर मौसी की चूत के पानी को च्छुआ तो मेरा हाथ पूरा गीला हो गया.
मैं फिर उस हाथ को अपने मूह के पास लाकर चाटने लगा.मुझे अच्छा लग रहा था. मैने फिर से चूत के पास हाथ रखा तो फिर गीला हो गया इस बार मैने मौसी के मूह के पास उन्ही की चूत का पानी लगा हुआ हाथ ले गया.
पहले तो वो अपना मूह इधर उधर करती रही.फिर मैने उनके बाल पकड़कर अपना हाथ उनके मूह में दे दिया.जिसे उन्होने चाट लिया.मेरी अब थकान मिट चुकी थी.मैने मौसी को नीचे लिटाया और उनकी टाँगो को बेड की साइड में उतार दिया और मैं उनकी टाँगो के पास जाकर खड़ा हो गया.
मैने उनकी गांद के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उनकी चूत और उभर गयी.मैने मौसी की एक टाँग अपने कंधे पर रखी जिससे मौसी की चूत और खुल गयी थी.
मैने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा मौसी ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रखा और मेरा लंड दबा दिया. मैं समझ गया.मैने एक झटका मारा तो मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया.फिर मैं धीरे धीरे मौसी की चुदाई कर रहा था तो मौसी बोली की जाआअन ज़ूर्र्रर सीए करो नाआहीी.मैं फिर ज़ोर से धक्के लगाने लगा मौसी भी अपनी कमर उठा उठाकर मुझसे चुदवा रही थी.
मौसी की चूत ने फिर से पानी छ्चोड़ दिया.मैने ये महसूस किया तो मैने दो उंगली चूत के पानी से भीगोकर मौसी की गांद पर रख दी.जिससे उनके हिलने से उंगलिया अंदर बाहर होने लगी.मौसी ने शायद कभी गांद नही मरवाई होगी. इसलिए वो बार बार मेरी उंगली को हटा देती थी.45 मिनट. के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने मौसी की चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी.मेरे साथ साथ मौसी भी एक बार एक झाड़ गयी मौसी बोली इस चुदाई में मैं कम से कम 6 बार झड़ी होगी.
मैं अपना लंड चूत में डाले हुए मौसी पर गिर गया.मौसी मुझे चूमने लगी और कहने लगी जान जैसा आज चोदा है वैसे रोज़ क्यो नही चोद्ते हो.तब मैं किस करता हुआ बोला मेरी प्यारी मौसी डार्लिंग आज से पहले तुमने मुझे मौका दिया ही कहा था.ये सुनना था कि मौसी एक दम चौक गयी और बोली तेरे मौसा जी कहा है.
मैने कहा मौसी वो तो सो रहे है इतनी देर से मैं ही आपकी चुदाई कर रहा था मौसी जान.मौसी मुझे अपने से अलग करने लगी. लेकिन मैने मौसी को छ्चोड़ा नही.मैने कहा आप बहुत नमकीन हो मौसी,दिल करता है कि आपको चोद्ता ही रहू. ये कहते हुए मैं फिर से मौसी की चूत में उंगली करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.
मौसी को भी मेरी चुदाई अच्छी लगी थी इसलिए मान गयी. और कहने लगी कि चल बदमाश कैसे हो गया ये सब?? तभी मैं कहु की आज तेरे मौसा को क्या हो गया है जो इतनी देर से चोद रहे है मुझे.बहुत मज़े दिए तूने आज कुश.मैने सब बता दिया मौसी को कैसे हुए ये सब.
रात को मौसी की चुदाई करने के बाद मौसी और मैं दोनो नंगे लिपट कर ही सो गये थे.सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैं मौसी की मस्त भरी जवानी देख रहा था.मैं बाथरूम गया और वापस आकर मैं मौसी की टांगे फैला कर अपना लंड मौसी की चूत के उपर रखकर एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया और मौसी इस धक्के से जाग गयी.
मौसी ने मुझे अपने उपर देखा तो कहने लगी कि दिल नही भरा क्या कल रात की चुदाई करके.
मैने कहा मौसी तुम हो ही इतनी मस्त माल की दिल ही नही भरता तुम्हारी चुदाई करके.
मुझे मालूम था की मौसा जी सुबह लेट ही उठेंगे कयौकी मैने 4 नींद की गोली जो दी थी,इसलिए मुझे कोई डर नही था.
मैने मौसी को फिर से चुदाई की. मौसी बहुत खुश नज़र आ रही थी.चुदाई करने के बाद मैं फिर से सो गया.
सुबह मेरी लेट आँख खुली तो मैने देखा कि मौसी जी किचन में ब्रेकफास्ट बना रही थी,मौसा जी भी आज लेट उठे थे.मैने दोनो को गुडमॉर्निंग कहा तो दोनो ने भी मुझे गुडमॉर्निंग कहा.मैं फ्रेश होकर तैयार होकर आया.
और हम तीनो साथ में बैठकर ब्रेकफ़ास्ट करने लगे और बाते भी करने लगे.दिन के टाइम जब भी मौसा जी का ध्यान इधर उधर होता तो मैं मौसी की चुचिया दबा देता या उनकी चूत को मसल देता.
आज मौसी ने गाउन के नीचे ब्रा पॅंटी भी नही पहनी हुई थी तो इसलिए जब वो चलती तो उनकी चुचिया उपर नीचे होती तो बहुत अच्छी लगती ,दिल करता कि मौसा के सामने ही मौसी की चुदाई कर दू.
ऐसे ही पूरा दिन बीत गया और रात हो गयी.रात को सोते टाइम मैं पहले जाकर सो गया क्यौकि मैं मौसा और मौसी की चुदाई का जल्दी से आनंद लेना चाहता था.12 बजे के बाद मौसा मौसी की चुदाई करते रहे और मैं उन्हे देखकर मूठ मार कर सो गया.
अगले दिन जब मैं उठा तो मौसा जी घर पर नही थे और मौसी जी किचन में थी.मैने गुडमॉर्निंग कहा और मौसा जी के बारे में पूछा तो मौसी ने कहा की आज उन्हे ऑफीस जल्दी जाना पड़ा.
ये सुनकर मेरा 8″ का लंड खड़ा हो गया.मैंन अंडरवेर पहना हुआ ही मौसी के पीछे गया और पीछे से ही उनके बूब्स पकड़कर दबाने लगा.
मौसी बोली कि कुश जान आज तो पूरा दिन पड़ा है अभी तू क्यो बेचैन हो रहा है.मैने कहा कि मौसी जान अब सब्र नही होता तुम तो मौसा से रात को चुदवा ली हो लेकिन मेरा बुरा हाल हो रहा है.
मैने उनके कान के नीचे चूमा और कान में कहा कि मौसी अपनी जवानी का स्वाद पहले क्यो नही चखाया मुझे. मौसी कुछ ना बोली.मौसी कुछ समान लेने के लिए नीचे झुकी तो मैने मौसी का गाउन नीचे से उठा दिया,
जिससे उनकी गांद नंगी हो गयी.मौसी ने आज भी पॅंटी नही पहनी थी,मुझे पीछे से मौसी की चूत दिखाई दी तो मैने अपना लंड बाहर निकालकर मौसी की चूत पर रगड़ा.मौसी के मूह से आआहह निकल पड़ा और बोली कि यही चुदाई करेगा क्या.
मैने कहा कि तुम अपना काम करो मुझे अपना करने दो,मैने मौसी का गाउन उतार दिया तो उन्होने ब्रा पहना हुआ था मैने मौसी के ब्रा के हुक खोले और मौसी की चुचिया पकड़कर दबाने लगा और मैने मौसी की टांगे थोड़ी सी फैलाई और अपना खड़ा लंड मौसी की चूत पर रखकर और एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया.
मैं मौसी की चुचियो को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था.मौसी मुहसे आआआहाआ उः कह रही थी.और बोली कि कुश डार्लिंग आउउर जजूर्र्र सस्स्ससी डाल आपना लुउन्ड मीरीईइ चुट्त म्मीईईइन. फ़फफाड़ डाल मेरि कककछूट बाहहुउट पारीशान कारतती हाआइ.मौसी 2 बार झाड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी झड़ने के मूड में नही था.
मैं मौसी की कमर पकड़कर जोरदार चुदाई कर रहा था.मौसी की चूत का पानी मेरे लंड को भिगो रहा था जिससे मेरा लंड मौसी की चूत में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था.मैं चुदाई करते हुए मौसी की गांद देख रहा था बड़ी मस्त लग रही थी.
मैने मौसी की चूत का पानी उंगली पर लेकर मौसी के गांद के छेद पर रखी. मौसी मस्ती से चुदवा रही थी इसलिए कुछ नही बोली.
मैने अपनी उंगली मौसी की गांद में डाल दी.तभी मौसी के मुँह से उउउइइ निकला और बोली कि क्या कर रहा है कुश.मैं बोला मौसी तुम्हारे इस छेद की भी सेवा कर रहा हू.
मौसी बोली आगे वाले छेद से दिल नही भरा क्या जो पीछे वाला छेद के पीछे पड़ा है.मैने कहा मौसी तुम्हारे जिस्म के सभी छेद मुझे बहुत पसंद आ रहे है.
सभी की सेवा करने का दिल कर रहा है.ये कहते हुए मैं एक दम झाड़ गया. मौसी एक बार फिर से मेरे साथ साथ झाड़ गयी, हम दोनो इस चुदाई से बिल्कुल पसीने से भीग गये थे.मैने मौसी की नंगी पीठ पर किस किया.
फिर मैं जाकर फ्रेश हो गया.और नंगा ही घर में घूमने लगा.मौसी ब्रेकफास्ट लगाने लगी और मैं बैठकर मौसी को देख रहा था,मौसी भी ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठने लगी तो मैने उनका हाथ खिचकर अपनी गोदी में बिठा लिया जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और मौसी की गांद पर दस्तक देने लगा.
मौसी बोली कि तेरा ये नाग फिर से खड़ा हो गया है.इसे शांत कर,मैने कहा मौसी ये नाग तो तुम्हारे बिल में जाकर ही शांत होगा.
मैने मौसी के गाउन को नीचे से उठाया और मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया.फिर हम ऐसे ही बैठकर ब्रेकफास्ट करने लगे और चुदाई भी.
ब्रेकफास्ट करने के बाद मौसी नहाने जाने लगी तो मैने कहा कि मौसी मैं भी नहाउँगा आज तुम्हारे साथ तो मौसी हसणे लगी और मैं भी उनके साथ बाथरूम में घुस गया.
मैने मौसी का गाउन उतारा और कहा कि मौसी आज मैं नहलाउँगा तुम्हे.मैने भी अपना अंडरवेर उतार दिया.
मैने मौसी को शवर के नीचे खड़ा किया और फिर अपने पीछे बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया. मौसी ने अपने आपको शवर के नीचे रख कर अपने हाथों को दीवाल से टीका दिया,मैं ठीक उनके पीछे खड़ा था और अपने हाथ मे साबुन और एक छ्होटा तौलिया लिए अपने मौसी को साबुन लगाने के लिए खड़ा था.
“मैं कहा से शुरू करूँ?” मैने मौसी से पूछा”मेरे हाथ,” मौसी बोली, “ठीक जैसे तुम अपने हाथों पर साबुन लगाते हो, वैसे ही मेरे हाथों पर साबुन लगाओ.”
मैने छ्होटे तौलिया पर साबुन लगाया और मौसी के हाथों को साबुन लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मैने पहले हाथों पर साबुन वाला तौलिया मला, फिर कंधों पर फिर बगल मे और फिर पीठ पर साबुन से मला और फिर साबुन को पानी से धो दिया. फिर मैने मौसी को घुमा कर खड़ा कर दिया. और साबुन को पानी से धोने लगा. मैं अपने आपको मौसी से चिपका कर खड़ा था और हाथों को पीछे ले जाकर साबुन को पानी से धो रहा था.
मेरा खड़ा लंड मौसी के पेट मे चुभ रहा था, मौसी की चूंची मेरी छाती से रगड़ रही थी. मेरा हाथ अब मौसी के चूतर के ऊपेर घूम रहा था और फिर मैने मौसी के चूतर पकड़ कर मौसी को अपने आप से चिपका लिया.
मौसी के हाथ भी मेरे गले के दोनो तरफ थे और वो भी मेरे से अपने आप से चिपका कर खड़ी थी. “ओह्ह्ह, कुश…” मौसी धीरे से फुसफुसा कर बोली.”ष्ह्ह्ह,” मैं धीरे से बोला, “फिर से घूम जाओ और मैं अब तुम्हारे सामने साबुन लगाउँगा.”
मैं थोड़ा पीछे हटा और मौसी घूम कर खड़ी हो गयी और फिर से अपने हाथों को दीवार से टिका दिया. मैने फिर से साबुन वाला तौलिया उठा कर पीछे से मौसी के पेट पर मलना शुरू किया और धीरे धीरे अपने हाथों को ऊपेर ले जाने लगा और थोड़ी देर के बाद मेरे हाथ मौसी की चूंची पर थे जिनको मैने साबुन लगा लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मौसी ने भी झुककर अपने चूतर मेरे लंड से लगा दिए और उसकी ठोकर अपने गंद के छेद पर महेसुस करने लगी.”ओह्ह्ह कुश,”
मौसी धीरे से बोली, “तुम अपनी मौसी की कितनी सेवा कर रहे हो,मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”
मौसी ने अपनी गंद को फिर से मेरे लंड से रगड़ा और उसके धक्के अपनी गंद की छेद पर महसूस करने लगी. अब मैं थोड़ा पीछे हट गया. “अब मैं आपकी पैर और पीछे साबुन लगा कर सॉफ करूँगा,” मैं धीरे से बोला और मौसी के पीछे बाथरूम में अपने घुटने के बल बैठ गया.
मैने फिर से छोटे तौलिया पर साबुन लगाया और पहले मौसी के पैर के पंजे, फिर पैर के पिंडली और जांघों पर साबुन मला और धीरे धीरे मैने अपना हाथ मौसी की झांतों से धकि चूत तक ले गया.
फिर मैं मौसी की चूत पर साबुन मलने लगा. “मौसी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर टब के ऊपेर रखो और थोड़ा सा सामने झुक जाओ, प्लीज़. मुझे इससे तुम्हारे चूतर में साबुन लगाने मे आसानी होगी,” मैं अपनी मौसी जान से बोला.
मौसी ने ठीक वैसे ही किया जैसा कि मैने कहा और झुक अपने पैरों के बीच से मेरा तन्नाए हुए लंड को देखने लगी.
मौसी देख रही थी कि मैने फिर से छोटे तौलिया मे साबुन लगाया और अपने हाथों से मौसी के चूतरों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. फिर मैने मौसी के चूतरों को साबुन लगा करके मौसी की गांद के छेद पर भी साबुन लगाया. मैं साबुन मौसी की गांद की छेद पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था. अब मैने अपने हाथों में साबुन लगा कर मौसी के गांद के छेद पर लगा कर धीरे से दबाया और अपनी उंगली गंद के अंदर कर दी.
“ओह्ह्ह्ह…कुश जान,” मौसी चीखी, “तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो?”
“मौसी,मैं सिर्फ़ ये देख रहा हूँ कि आपका पीछे का छेद बिल्कुल सॉफ है कि नही” मैं अपनी मौसी से बोला और अपनी उंगली को और थोड़ा सा अंदर कर दिया. मौसी हल्की सी कसमसाई. मैने अपनी उंगली निकाल ली, लेकिन फिर से अपनी उंगली मौसी की गांद में घुसेड दी और धीरे धीरे अपनी उंगली मौसी की गांद मे अंदर बाहर करने लगा.
मैं अब झुककर अपनी मौसी के पैरों के बीच से देखने लगा कि मौसी के होंठ खुले हुए है और आँखें बंद हैं.
“मौसी, तुमको अच्छा लगा,” मैने धीरे से पूछा. “एम्म्म…तुम अपनी मौसी के शरीर की सफाई बहुत अच्छी तरफ से कर रहे हो.
मैने मौसी की चूत का पानी उंगली पर लेकर मौसी के गांद के छेद पर रखी. मौसी मस्ती से चुदवा रही थी इसलिए कुछ नही बोली.
मैने अपनी उंगली मौसी की गांद में डाल दी.तभी मौसी के मुँह से उउउइइ निकला और बोली कि क्या कर रहा है कुश.मैं बोला मौसी तुम्हारे इस छेद की भी सेवा कर रहा हू.
मौसी बोली आगे वाले छेद से दिल नही भरा क्या जो पीछे वाला छेद के पीछे पड़ा है.मैने कहा मौसी तुम्हारे जिस्म के सभी छेद मुझे बहुत पसंद आ रहे है.
सभी की सेवा करने का दिल कर रहा है.ये कहते हुए मैं एक दम झाड़ गया. मौसी एक बार फिर से मेरे साथ साथ झाड़ गयी, हम दोनो इस चुदाई से बिल्कुल पसीने से भीग गये थे.मैने मौसी की नंगी पीठ पर किस किया.
फिर मैं जाकर फ्रेश हो गया.और नंगा ही घर में घूमने लगा.मौसी ब्रेकफास्ट लगाने लगी और मैं बैठकर मौसी को देख रहा था,मौसी भी ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठने लगी तो मैने उनका हाथ खिचकर अपनी गोदी में बिठा लिया जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और मौसी की गांद पर दस्तक देने लगा.
मौसी बोली कि तेरा ये नाग फिर से खड़ा हो गया है.इसे शांत कर,मैने कहा मौसी ये नाग तो तुम्हारे बिल में जाकर ही शांत होगा.
मैने मौसी के गाउन को नीचे से उठाया और मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया.फिर हम ऐसे ही बैठकर ब्रेकफास्ट करने लगे और चुदाई भी.
ब्रेकफास्ट करने के बाद मौसी नहाने जाने लगी तो मैने कहा कि मौसी मैं भी नहाउँगा आज तुम्हारे साथ तो मौसी हसणे लगी और मैं भी उनके साथ बाथरूम में घुस गया.
मैने मौसी का गाउन उतारा और कहा कि मौसी आज मैं नहलाउँगा तुम्हे.मैने भी अपना अंडरवेर उतार दिया.
मैने मौसी को शवर के नीचे खड़ा किया और फिर अपने पीछे बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया. मौसी ने अपने आपको शवर के नीचे रख कर अपने हाथों को दीवाल से टीका दिया,मैं ठीक उनके पीछे खड़ा था और अपने हाथ मे साबुन और एक छ्होटा तौलिया लिए अपने मौसी को साबुन लगाने के लिए खड़ा था.
“मैं कहा से शुरू करूँ?” मैने मौसी से पूछा”मेरे हाथ,” मौसी बोली, “ठीक जैसे तुम अपने हाथों पर साबुन लगाते हो, वैसे ही मेरे हाथों पर साबुन लगाओ.”
मैने छ्होटे तौलिया पर साबुन लगाया और मौसी के हाथों को साबुन लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मैने पहले हाथों पर साबुन वाला तौलिया मला, फिर कंधों पर फिर बगल मे और फिर पीठ पर साबुन से मला और फिर साबुन को पानी से धो दिया. फिर मैने मौसी को घुमा कर खड़ा कर दिया. और साबुन को पानी से धोने लगा. मैं अपने आपको मौसी से चिपका कर खड़ा था और हाथों को पीछे ले जाकर साबुन को पानी से धो रहा था.
मेरा खड़ा लंड मौसी के पेट मे चुभ रहा था, मौसी की चूंची मेरी छाती से रगड़ रही थी. मेरा हाथ अब मौसी के चूतर के ऊपेर घूम रहा था और फिर मैने मौसी के चूतर पकड़ कर मौसी को अपने आप से चिपका लिया.
मौसी के हाथ भी मेरे गले के दोनो तरफ थे और वो भी मेरे से अपने आप से चिपका कर खड़ी थी. “ओह्ह्ह, कुश…” मौसी धीरे से फुसफुसा कर बोली.”ष्ह्ह्ह,” मैं धीरे से बोला, “फिर से घूम जाओ और मैं अब तुम्हारे सामने साबुन लगाउँगा.”
मैं थोड़ा पीछे हटा और मौसी घूम कर खड़ी हो गयी और फिर से अपने हाथों को दीवार से टिका दिया. मैने फिर से साबुन वाला तौलिया उठा कर पीछे से मौसी के पेट पर मलना शुरू किया और धीरे धीरे अपने हाथों को ऊपेर ले जाने लगा और थोड़ी देर के बाद मेरे हाथ मौसी की चूंची पर थे जिनको मैने साबुन लगा लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मौसी ने भी झुककर अपने चूतर मेरे लंड से लगा दिए और उसकी ठोकर अपने गंद के छेद पर महेसुस करने लगी.”ओह्ह्ह कुश,”
मौसी धीरे से बोली, “तुम अपनी मौसी की कितनी सेवा कर रहे हो,मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”
मौसी ने अपनी गंद को फिर से मेरे लंड से रगड़ा और उसके धक्के अपनी गंद की छेद पर महसूस करने लगी. अब मैं थोड़ा पीछे हट गया. “अब मैं आपकी पैर और पीछे साबुन लगा कर सॉफ करूँगा,” मैं धीरे से बोला और मौसी के पीछे बाथरूम में अपने घुटने के बल बैठ गया.
मैने फिर से छोटे तौलिया पर साबुन लगाया और पहले मौसी के पैर के पंजे, फिर पैर के पिंडली और जांघों पर साबुन मला और धीरे धीरे मैने अपना हाथ मौसी की झांतों से धकि चूत तक ले गया.
फिर मैं मौसी की चूत पर साबुन मलने लगा. “मौसी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर टब के ऊपेर रखो और थोड़ा सा सामने झुक जाओ, प्लीज़. मुझे इससे तुम्हारे चूतर में साबुन लगाने मे आसानी होगी,” मैं अपनी मौसी जान से बोला.
मौसी ने ठीक वैसे ही किया जैसा कि मैने कहा और झुक अपने पैरों के बीच से मेरा तन्नाए हुए लंड को देखने लगी.
मौसी देख रही थी कि मैने फिर से छोटे तौलिया मे साबुन लगाया और अपने हाथों से मौसी के चूतरों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. फिर मैने मौसी के चूतरों को साबुन लगा करके मौसी की गांद के छेद पर भी साबुन लगाया. मैं साबुन मौसी की गांद की छेद पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था. अब मैने अपने हाथों में साबुन लगा कर मौसी के गांद के छेद पर लगा कर धीरे से दबाया और अपनी उंगली गंद के अंदर कर दी.
“ओह्ह्ह्ह…कुश जान,” मौसी चीखी, “तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो?”
“मौसी,मैं सिर्फ़ ये देख रहा हूँ कि आपका पीछे का छेद बिल्कुल सॉफ है कि नही” मैं अपनी मौसी से बोला और अपनी उंगली को और थोड़ा सा अंदर कर दिया. मौसी हल्की सी कसमसाई. मैने अपनी उंगली निकाल ली, लेकिन फिर से अपनी उंगली मौसी की गांद में घुसेड दी और धीरे धीरे अपनी उंगली मौसी की गांद मे अंदर बाहर करने लगा.
मैं अब झुककर अपनी मौसी के पैरों के बीच से देखने लगा कि मौसी के होंठ खुले हुए है और आँखें बंद हैं.
“मौसी, तुमको अच्छा लगा,” मैने धीरे से पूछा. “एम्म्म…तुम अपनी मौसी के शरीर की सफाई बहुत अच्छी तरफ से कर रहे हो.
अपनी उंगली को थोडा और अंदर करो.” मैने अपनी उंगली पूरी की पूरी मौसी की गांद मे घुसेड दी और मौसी के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी.
मैं अपना चहेरा उठा कर अपनी मौसी को देखने लगा और देखा कि मौसी की गोल गोल चूंची उसके उंगली के हर धक्के के साथ हिल रही है.
मौसी की सांस अब उखड रही थी और वो अपने चूतर को मेरे हर धक्के के साथ पीछे को थेल रही थी. एकाएक मैने अपनी उंगली मौसी की गांद मे से निकाल ली और साथ साथ मौसी के मुँह से एक आहह! निकल गयी.”ओह्ह्ह्ह…कुश…तुम अपनी मौसी के शरीर को सॉफ कर चुके?”"नही अभी पूरा सफाई नही हुई है,” मैं बोला और अपने साबुन लगे हाथ को मौसी की नंगी और खुली चूत पर मलने लगा.
“मुझे तुम्हारी ये जगह भी साफ करनी है. क्या तुम अपनी चूत गंदी रखना चाहती हो?” मेरा हाथ अब मौसी की चूत के चारों तरफ सफाई करने के लिए घूम रहा था. जैसे ही मैने मौसी की चूत के होंठों को अपने उंगलिओ से फैलाया और अपनी दो उंगलियो को मौसी की चूत के अंदर डाला तो मौसी ओह्ह! आहह! ष्ह्ह! की आवाज़ें करने लगी.
“ओह्ह्ह्ह कुश, मेरी की चूत को अच्छी तरफ से और सही तरीके से साफ कर दो,” मौसी के मुँह से फिर एक बार किल्कारी निकल गयी जब मैने अपने अंगूठे और एक उंगली से उसकी चूत की घुंडी को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
अब मेरी उंगली मौसी की चूत के अंदर तक पहुँच रहा थी और वो मैं मौसी की चूत मे डाल कर घुमा रहा था और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और कभी अपनी उंगली रोक कर देख रहा था कि कैसे मेरी उंगली को मौसी की चूत के होंठ जाकड़ कर पकड़ रहे है.
एकाएक मौसी अपनी पीठ को मोड़ कर अपनी गार्डेन तान ली और अपना सर पीछे करके शवर का पानी अपने मुँह पर लेने लगी.
मौसी के मुँह से हल्की चीख निकल गयी और उसके घुटनो ने जबाब दिया और मौसी अपने आपको टब के सहारा लेकर खड़ी हो गयी और फिर बैठ गयी.
मैने अपने हाथों से मौसी को जाकड़ लिया और अपने हाथों से उनकी चुन्चेओ के निपल को मलने लगा. थोरी देर तक दोनो वैसे ही बैठे रहे और फिर मैं मौसी से बोला, “मौसी तुम ठीक तो हो?’ या मैं तुम्हारे बालों को भी धो दूँ?”
मौसी धीरे से मुस्कुरा दी और कंधों के बगल से मुझ को देखते हुए बोली, “हाँ तुम मेरे बालों को भी धो दो, तुमने तो मेरी सारी चीज़ धो दी है. तुमने अपनी मौसी को बहुत तंग किया और मज़ा भी दिया.” “तंग नही किया. हाँ मज़ा दिया.” मैने मौसी से हंसते हुए कहा. “अब तुम नीचे बैठो और मैं टब के ऊपेर बैठता हूँ. मैं शवर बंद कर देता हूँ और हाथ वाला शवर लेकर आपके बालों को धो देता हूँ.”
मौसी खड़ी हो गयी और मैं टब के किनारे बैठ गया और फिर मौसी से बोला, “आप अपने घुटने के बल बैठ जाएँ जिससे मुझको आपके बालों को धोने मे आसानी रहेगी.”
मैं घूम कर शॅमपू की बोतल और हाथ वाला शवर लिया और मौसी अपने घुटने के बल बैठ गयी. जब मैं घूम करके फिर से बैठा तो मेरा मोटा ताज़ा और तन्नाया हुआ लंड ठीक मौसी के मुँह के सामने कुछ इंचों की दूरी पर था.
मैने हाथ वाले शवर से मौसी के बालों को पूरी तरफ से भीगा दिया और फिर उसपर शॅमपू गिराया और अपने हाथों से शॅमपू मलते हुए ढेर सारा झाग पैदा करके मौसी के बालों को धोना शुरू किया.
मैने झुक कर मौसी की गर्देन के पास के बालों को शॅमपू से धोना शुरू किया, लेकिन ऐसा करके वक़्त मेरा लंड मौसी के होंठों से छूने लगा. मौसी ने अपने होंठों को खोला और लंड के सुपरे का थोड़ा सा हिस्सा अपने मुँह मे ले लिया.
मौसी नेअपनी जीव से मेरे लंड से रिसते हुए पानी को हल्के से चॅटा. मौसी ने अपने पीछे मेरा हाथ महसूस किया
मैने मौसी का सर पकड़ के अपनी तरफ थोड़ा से खींचा और अपना लंड थोड़ा सा और मौसी के मुँह मे घुसा दिया और फिर मौसी का सर छोड़ दिया.
मौसी ने अपना सर थोडा और आगे किया और मेरा तना हुआ लंड और थोड़ा अपने मुँह के अंदर ले लिया. फिर अपने होंठों को सिकोड कर मेरा लंड अपने मुँह से निकाली और अपनी जीव मेरा लंड के छेद पर रख कर घुमाना शुरू किया.
मौसी नेअपने भानजे की तरफ देखते हुए अपनी जीव से लंड के सुपरे को चाटना शुरू किया. मैने अपनी कमर चलाना शुरू किया और अपना लंड मौसी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. धीरे धीरे मेरा शरीर ऐंठने लगा और मैं फिर से झार गया. झटकों के साथ मेरा वीर्य मौसी के मुँह पर गिरने लगा और मौसी का मुँह भरने लगा.
मौसी की सांस फूलने लगी और वो गाटा गट मेरे सारे वीर्य को पीने लगी. कुछ थोड़ा वीर्य मौसी के होंठों से निकल कर मुँह से छूने लगा.
मौसी फिर से मेरे वीर्य को पी गयी. मैं टब के किनारे बैठा रहा और मौसी ने अपना सर मेरे घुटने पर रख दिया और मैने अपने हाथों से मौसी के बालों को सहलाने लगा. थोरी देर के बाद मैं उठ कर खड़ा हो गया और अब मेरा झारा हुआ लंड उसके दोनो पैरों के बीच लटक रहा था. मैने झुककर अपने मौसी को उठाया और मौसी को खड़ा कर दिया और उसको देख देख कर मैं मुस्कुराने लगा.
देखा भाई लोगो एक तो मौसी को चोद दिया फिर अपने लंड का पानी भी पीला दिया उसके बाद भी मौसी को देखकर मुस्कुरा रहा है यानी अभी और धमाल होना बाकी है
फिर मैं सूखा हुआ तैलिया लेकर आया तो मौसी अपने हाथों को ऊपेर किया जिससे कि मैं उनको तौलिया से पूछ सकु. हाथ उठाने से मौसी की चूंचिया भी ऊपेर उठ गयी और ये देख कर मैने झट से अपना सर नीचे किया और मौसी की एक चूंची और उसका निपल अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा.
“ओह्ह्ह कुश,” मौसी बड़बड़ाई, “तुम ये कैसा मज़ा दे रहे हो मुझे.आज तक मैं इस मज़े से अंजान थी.मेरे साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ.आज भी तूने मुझे जन्नत के नज़ारे करा दिए है.मेरे साथ रोज़ ऐसा ही करा कर जब तेरे मौसा घर पर ना होया करे.
“ठीक है मौसी,” मैं अपनी मौसी की चूंची पर से अपना मुँह हटाते हुए बोला,लेकिन मेरी उंगली अभी भी मौसी की रिस्ती हुए चूत से खेल रही थी और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. फिर मैने अपनी मौसी से कहा, “मौसी जी क्या मौसा जी तुम्हारे साथ अच्छी तरह से चुदाई नही करते है क्या?”मैं बोला
मौसी जान जब तक मैं यहा हू तब तक मैं आपकी और आपकी चूत की तन मन से सेवा करूँगा, इतना कहकर मैने मौसी की निपल को हल्के से काटा और अपनी उंगली जितना जा सकती है उतनी मौसी की चूत मे घुसेड दी. “उहग्ग्ग,” मौसी हल्के से चीखी और अपना हाथ मेरे कंधों पर रखती हुई बोली, “बदमाश तेरे को सब पता चल गया है कि तेरा मौसा बस मुझे ऐसे ही चोद्ता है.
कभी कभी तो पूरे कपड़े उतारे बिना ही चुदाई करता है.मेरा भी दिल करता है कि मुझे भी कोई प्यार से चुदाई करे.मैं तब धीरे से पीछे हट गया और मौसी की चूत से उंगली निकाल कर अपने मुँह मे डाल दी और अपनी उंगली चूस्ते हुए मुस्कुरा कर अपने मुँह से “म्*म्म्मम,” की आवाज़ निकाली.
मैं अपना चहेरा उठा कर अपनी मौसी को देखने लगा और देखा कि मौसी की गोल गोल चूंची उसके उंगली के हर धक्के के साथ हिल रही है.
मौसी की सांस अब उखड रही थी और वो अपने चूतर को मेरे हर धक्के के साथ पीछे को थेल रही थी. एकाएक मैने अपनी उंगली मौसी की गांद मे से निकाल ली और साथ साथ मौसी के मुँह से एक आहह! निकल गयी.”ओह्ह्ह्ह…कुश…तुम अपनी मौसी के शरीर को सॉफ कर चुके?”"नही अभी पूरा सफाई नही हुई है,” मैं बोला और अपने साबुन लगे हाथ को मौसी की नंगी और खुली चूत पर मलने लगा.
“मुझे तुम्हारी ये जगह भी साफ करनी है. क्या तुम अपनी चूत गंदी रखना चाहती हो?” मेरा हाथ अब मौसी की चूत के चारों तरफ सफाई करने के लिए घूम रहा था. जैसे ही मैने मौसी की चूत के होंठों को अपने उंगलिओ से फैलाया और अपनी दो उंगलियो को मौसी की चूत के अंदर डाला तो मौसी ओह्ह! आहह! ष्ह्ह! की आवाज़ें करने लगी.
“ओह्ह्ह्ह कुश, मेरी की चूत को अच्छी तरफ से और सही तरीके से साफ कर दो,” मौसी के मुँह से फिर एक बार किल्कारी निकल गयी जब मैने अपने अंगूठे और एक उंगली से उसकी चूत की घुंडी को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
अब मेरी उंगली मौसी की चूत के अंदर तक पहुँच रहा थी और वो मैं मौसी की चूत मे डाल कर घुमा रहा था और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और कभी अपनी उंगली रोक कर देख रहा था कि कैसे मेरी उंगली को मौसी की चूत के होंठ जाकड़ कर पकड़ रहे है.
एकाएक मौसी अपनी पीठ को मोड़ कर अपनी गार्डेन तान ली और अपना सर पीछे करके शवर का पानी अपने मुँह पर लेने लगी.
मौसी के मुँह से हल्की चीख निकल गयी और उसके घुटनो ने जबाब दिया और मौसी अपने आपको टब के सहारा लेकर खड़ी हो गयी और फिर बैठ गयी.
मैने अपने हाथों से मौसी को जाकड़ लिया और अपने हाथों से उनकी चुन्चेओ के निपल को मलने लगा. थोरी देर तक दोनो वैसे ही बैठे रहे और फिर मैं मौसी से बोला, “मौसी तुम ठीक तो हो?’ या मैं तुम्हारे बालों को भी धो दूँ?”
मौसी धीरे से मुस्कुरा दी और कंधों के बगल से मुझ को देखते हुए बोली, “हाँ तुम मेरे बालों को भी धो दो, तुमने तो मेरी सारी चीज़ धो दी है. तुमने अपनी मौसी को बहुत तंग किया और मज़ा भी दिया.” “तंग नही किया. हाँ मज़ा दिया.” मैने मौसी से हंसते हुए कहा. “अब तुम नीचे बैठो और मैं टब के ऊपेर बैठता हूँ. मैं शवर बंद कर देता हूँ और हाथ वाला शवर लेकर आपके बालों को धो देता हूँ.”
मौसी खड़ी हो गयी और मैं टब के किनारे बैठ गया और फिर मौसी से बोला, “आप अपने घुटने के बल बैठ जाएँ जिससे मुझको आपके बालों को धोने मे आसानी रहेगी.”
मैं घूम कर शॅमपू की बोतल और हाथ वाला शवर लिया और मौसी अपने घुटने के बल बैठ गयी. जब मैं घूम करके फिर से बैठा तो मेरा मोटा ताज़ा और तन्नाया हुआ लंड ठीक मौसी के मुँह के सामने कुछ इंचों की दूरी पर था.
मैने हाथ वाले शवर से मौसी के बालों को पूरी तरफ से भीगा दिया और फिर उसपर शॅमपू गिराया और अपने हाथों से शॅमपू मलते हुए ढेर सारा झाग पैदा करके मौसी के बालों को धोना शुरू किया.
मैने झुक कर मौसी की गर्देन के पास के बालों को शॅमपू से धोना शुरू किया, लेकिन ऐसा करके वक़्त मेरा लंड मौसी के होंठों से छूने लगा. मौसी ने अपने होंठों को खोला और लंड के सुपरे का थोड़ा सा हिस्सा अपने मुँह मे ले लिया.
मौसी नेअपनी जीव से मेरे लंड से रिसते हुए पानी को हल्के से चॅटा. मौसी ने अपने पीछे मेरा हाथ महसूस किया
मैने मौसी का सर पकड़ के अपनी तरफ थोड़ा से खींचा और अपना लंड थोड़ा सा और मौसी के मुँह मे घुसा दिया और फिर मौसी का सर छोड़ दिया.
मौसी ने अपना सर थोडा और आगे किया और मेरा तना हुआ लंड और थोड़ा अपने मुँह के अंदर ले लिया. फिर अपने होंठों को सिकोड कर मेरा लंड अपने मुँह से निकाली और अपनी जीव मेरा लंड के छेद पर रख कर घुमाना शुरू किया.
मौसी नेअपने भानजे की तरफ देखते हुए अपनी जीव से लंड के सुपरे को चाटना शुरू किया. मैने अपनी कमर चलाना शुरू किया और अपना लंड मौसी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. धीरे धीरे मेरा शरीर ऐंठने लगा और मैं फिर से झार गया. झटकों के साथ मेरा वीर्य मौसी के मुँह पर गिरने लगा और मौसी का मुँह भरने लगा.
मौसी की सांस फूलने लगी और वो गाटा गट मेरे सारे वीर्य को पीने लगी. कुछ थोड़ा वीर्य मौसी के होंठों से निकल कर मुँह से छूने लगा.
मौसी फिर से मेरे वीर्य को पी गयी. मैं टब के किनारे बैठा रहा और मौसी ने अपना सर मेरे घुटने पर रख दिया और मैने अपने हाथों से मौसी के बालों को सहलाने लगा. थोरी देर के बाद मैं उठ कर खड़ा हो गया और अब मेरा झारा हुआ लंड उसके दोनो पैरों के बीच लटक रहा था. मैने झुककर अपने मौसी को उठाया और मौसी को खड़ा कर दिया और उसको देख देख कर मैं मुस्कुराने लगा.
देखा भाई लोगो एक तो मौसी को चोद दिया फिर अपने लंड का पानी भी पीला दिया उसके बाद भी मौसी को देखकर मुस्कुरा रहा है यानी अभी और धमाल होना बाकी है
फिर मैं सूखा हुआ तैलिया लेकर आया तो मौसी अपने हाथों को ऊपेर किया जिससे कि मैं उनको तौलिया से पूछ सकु. हाथ उठाने से मौसी की चूंचिया भी ऊपेर उठ गयी और ये देख कर मैने झट से अपना सर नीचे किया और मौसी की एक चूंची और उसका निपल अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा.
“ओह्ह्ह कुश,” मौसी बड़बड़ाई, “तुम ये कैसा मज़ा दे रहे हो मुझे.आज तक मैं इस मज़े से अंजान थी.मेरे साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ.आज भी तूने मुझे जन्नत के नज़ारे करा दिए है.मेरे साथ रोज़ ऐसा ही करा कर जब तेरे मौसा घर पर ना होया करे.
“ठीक है मौसी,” मैं अपनी मौसी की चूंची पर से अपना मुँह हटाते हुए बोला,लेकिन मेरी उंगली अभी भी मौसी की रिस्ती हुए चूत से खेल रही थी और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. फिर मैने अपनी मौसी से कहा, “मौसी जी क्या मौसा जी तुम्हारे साथ अच्छी तरह से चुदाई नही करते है क्या?”मैं बोला
मौसी जान जब तक मैं यहा हू तब तक मैं आपकी और आपकी चूत की तन मन से सेवा करूँगा, इतना कहकर मैने मौसी की निपल को हल्के से काटा और अपनी उंगली जितना जा सकती है उतनी मौसी की चूत मे घुसेड दी. “उहग्ग्ग,” मौसी हल्के से चीखी और अपना हाथ मेरे कंधों पर रखती हुई बोली, “बदमाश तेरे को सब पता चल गया है कि तेरा मौसा बस मुझे ऐसे ही चोद्ता है.
कभी कभी तो पूरे कपड़े उतारे बिना ही चुदाई करता है.मेरा भी दिल करता है कि मुझे भी कोई प्यार से चुदाई करे.मैं तब धीरे से पीछे हट गया और मौसी की चूत से उंगली निकाल कर अपने मुँह मे डाल दी और अपनी उंगली चूस्ते हुए मुस्कुरा कर अपने मुँह से “म्*म्म्मम,” की आवाज़ निकाली.
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